पाकिस्तान से मंगलवार शाम को भारतीय कैदी सरबजीत सिंह की रिहाई की खबर रात होते होते गलत साबित हो गई है. पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी के प्रवक्ता फरहतुल्लाह बाबर ने कहा है कि सरबजीत सिंह की फाँसी की सज़ा को उम्र कैद में तबदील करने की ख़बर सही नहीं है.

वहीं भारत के विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है, "हम सुरजीत की रिहाई का स्वागत करते हैं। साथ हैं हम अपील करते हैं कि सरबजीत समेत पाकिस्तानी जेलों में बंद भारतीय कैदी रिहा किए जाएँ। " जबकि सरबजीत के परिवारवालों ने भी इस घटनाक्रम पर हैरानी जताई है।

इससे पहले मंगलवार रात को जरदारी के प्रवक्ता बाबर ने बीबीसी की उर्दू सेवा के आसिफ फारुखी को बताया " यह सरबजीत का मामला नहीं है। यह सुरजीत सिंह वल्द सुच्चा सिंह का मामला है। साल 1989 में राष्ट्रपति गुलाम इसहाक खान ने तत्कालीन प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की सिफारिश पर सुरजीत सिंह की मौत की सज़ा को उम्र कैद में तबदील किया था."

बाबर ने बताया कि पाकिस्तान के कानून मंत्री फारुख नाईक ने मंगलवार को पाकिस्तान के गृह मंत्रालय को सुरजीत सिंह को छोड़ने के लिए कहा था क्योंकि उसकी सज़ा पूरी हो गई थी। बाबर के अनुसार इस पूरे मामले से कहीं भी राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी का कुछ भी लेना देना नहीं है।

घटनाक्रम

मंगलवार को पूरे दिन भारत और पाकिस्तान दोनों जगहों की मीडिया में राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी द्वारा सरबजीत सिंह की फाँसी की सज़ा को उम्र कैद में तबदील कर देने की चर्चा ग़र्म थी। मामले पर गफलत इतनी ज़्यादा थी कि पाकिस्तान के केंद्रीय मंत्रियों तक ने सरबजीत को माफी की ख़बर का स्वागत कर दिया था।

एक केंद्रीय मंत्री शेख वकास ने कहा था कि उनकी सरकार भारत और पाकिस्तान के आम लोगों को करीब लाने की कोशिश कर रही है और इसलिए इस प्रकार के फैसले लिए जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री शेख वकास ने कहा था कि सरबजीत के मामले को विस्तार के पढ़ने के बाद पता चलता है कि उनकी रिहाई से पाकिस्तान को कोई नुक़सान नहीं है बल्कि फायदा है।

और तो और वकास ने सरबजीत की रिहाई के कारण को विस्तार से समझाते हुए कहा था, “जब भारत ने पाकिस्तानी नागरिक डॉक्टर खलील चिश्ती को रिहा किया था और वह स्वदेश लौटे थे तो उसके बाद पाकिस्तानी सरकार पर अतंरराष्ट्रीय दबाव बढ़ गया था कि वह सरबजीत सिंह जैसे क़ैदियों को रिहा करे.”

शेख़ वकास के मुताबिक़ सरबजीत सिंह की रिहाई से दूसरे कैदियों के रिहा होने की उम्मीद बढ़ेगी जो दोनों देशों की जेलों में कई सालों से क़ैद हैं। दूसरी तरफ़ यह ख़बर जैसे ही भारत पहुँची, सरबजीत के परिवार में ख़ुशी की लहर दौड़ गई।

सरबजीत की पत्नी सुखप्रीत कौर ने बीबीसी से कहा था, "हमें पाकिस्तान से कई फोन आ रहे थे। अब यकीन हो गया है कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने उनकी सजा को घटाकर उम्रकैद कर दिया है और हम बहुत खुश हैं। अब उनकी रिहाई हो सकती है और वे कभी भी भारत आ सकते हैं." इस ख़बर के गलत साबित होने से कई सवाल खड़े हो गए हैं।

Posted By: Inextlive