- आईआईटी के पूर्व छात्र ने आईआईएससी के साथ मिलकर बनाया है यह चैटबॉट

- वाट्सएप पर अपनी एक्सरे रिपोर्ट भेज जान सकेंगे कि आपको कोरोना हुआ कि नहीं

- 01 साल की रिसर्च के बाद डेवलप की कोरोना रिपोर्ट आसानी से पेशेंट्स तक पहुंचाने की टेक्निक

- 300 डॉक्टर एक्सरे सेतु से जुड़े हुए हैं, यूनिक ट्रांसफर लर्निंग फ्रेमवर्क से तुरंत मिल जाता है आउटपुट

KANPUR: कही कोरोना की चपेट में तो नहीं आ गया हूं। मेरी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट आने में भी दो दिन का समय लग जाएगा। यदि आप इस तरह की उलझन में हैं तो अब आपको ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। आपको घर बैठे ही इन सब बातों की सारी जानकारी एक नए इनोवेशन चैटबॉट पर मिल जाएगी। चैटबॉट सेंसटीविटी रेट, स्पेसिफिसिटी रेट व ट्रू पॉजिटिव रेट समेत फेफड़ों की स्थिति से संबंधित कई बातों की जानकारी देगा। यह इनोवेशन आईआईटी के एक पूर्व स्टूडेंट ने किया है।

आपको क्या करना होगा?

जानलेवा वायरस की सेकेंड वेव में कई पेशेंट बीमारी का पता देर से चलने के कारण दम तोड़ देते हैं। सिटी स्कैन कराना सबके बस की बात नहीं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। आपको कोरोना है कि नहीं यह महज आधे घंटे में जाना जा सकेगा। वाट्सअप नंबर (8046163838) पर चेस्ट का एक्सरे भेजकर न केवल यह जान सकेंगे कि आपको कोरोना हुआ है कि नहीं बल्कि फेफड़ों में कितना संक्रमण है, वह कितने संवेदनशील हैं व उनकी स्थिति कितनी खराब हो चुकी है।

एक्सरे सेतु डेवलप किया

आईआईटी के इनवायरमेंट इंजीनिय¨रग एंड मैनेजमेंट से एमटेक के पूर्व छात्र उमाकांत सोनी ने बताया कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, एआई रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी पार्क व निरामय हेल्थ के साथ मिलकर 'एक्सरे सेतु' डेवलप किया है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल करके उन्होंने यह तकनीक बनाई है। उनके इस 'एक्सरे सेतु' से तीन सौ डॉक्टर जुड़े हुए हैं। इसे विकसित करने में एक साल का समय लगा। शुरुआत में सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि रिसर्च के लिए कोविड पॉजिटिव एक्स-रे नहीं मिल रहे थे। इस समस्या को दूर करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल करके एक यूनिक ट्रांसफर लर्निंग फ्रेमवर्क विकसित किया। इसके जरिए चेस्ट के सामान्य एक्सरे से फेफड़ों के संक्रमण की स्थिति का पता लगाया जा सकता है। यह सिस्टम एक्सरे देखकर तुरंत आउटपुट देता है। संक्रमित हिस्सों को लोकलाइज्ड करता है और एक रिपोर्ट बनाता है। यह रिपोर्ट कुछ ही मिनट में फेफड़ों व चेस्ट के अगल-अलग भागों में हुए संक्रमण के आधार पर स्कोर देती है।

14 बीमारियों का लगता है पता

वाट्सअप आधारित चैट बॉक्स से कोविड-19 के अलावा तपेदिक व निमोनिया सहित फेफड़ों से संबंधित 14 अतिरिक्त बीमारियों का भी पता लगा सकता है। एक्सरे सेतु का उपयोग एनालॉग और डिजिटल एक्स-रे दोनों के लिए किया जा सकता है। मोबाइल के माध्यम से भेजे गए कम-रिजॉल्यूशन छवियों को देखकर भी यह बीमारी का पता बताने में सक्षम है। एक्सरे सेतु ने पिछले 10 महीनों में ग्रामीण क्षेत्रों में तीन सौ से अधिक डॉक्टरों की मदद की है।

ऐसे करता है काम

स्वास्थ्य जांच के लिए किसी भी डॉक्टर को बस ((www.xraysetu.com) पर जाना होगा.' ट्राई द फ्री एक्सरेसेतु बीटा' ((Try the Free XraySetu Beta) बटन पर क्लिक करना होगा। इसके बाद प्लेटफॉर्म व्यक्ति को दूसरे पेज पर ले जाएगा जहां वह वेब या स्मार्टफोन एप्लिकेशन के जरिए वाट्सएप-आधारित चैटबॉट के साथ जुड़ने का विकल्प चुन सकता है। इसके बाद सामने आने वाले वाट्सअप नंबर पर अपने एक्सरे को भेजना होता है और फिर सटीक छवियों के साथ दो पेज का ऑटोमेटेड डायग्नोस्टिक 'रिपोर्ट' आ जाती है।

Posted By: Inextlive