रेल पैसेंजर्स के लिए ट्यूजडे का दिन काफी मुश्किलों से भरा रहा. किसी ट्रेन में एसी फेल होने पर पैसेंजर्स को पसीना बहाते हुए 300 सौ किमी से अधिक सफर करना पड़ा. तो किसी ट्रेन में तकनीकी फाल्ट आने से बीच सफर कोच हट जाने से दूसरे कोच में खड़े होकर सफर करना पड़ा. घटना से आक्रोशित पैसेंजर्स ने कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर जमकर हंगामा भी किया. लिहाजा ट्रेन कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर लगभग एक-एक घंटे डिले हुई.


कानपुर (ब्यूरो) सियालदाह-अजमेर जा रही एक्सप्रेस ट्रेन के बी-4 कोच में सियालदाह से ही कूलिंग कम थी। कोच में 40 बाराती सफर कर रहे थे। बाराती श्याम सुंदर ने बताया कि इसकी शिकायत रेलवे अधिकारियों व ट्रेन में मौजूद स्टाफ से की गई थी लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। पं.दीनदयाल स्टेशन पर प्रयागराज में एसी का मेंटीनेंस होने का आश्वासन दिया गया। प्रयागराज स्टेशन पर भी समाधान नहीं हुआ तो तीन बार चेनपुलिंग कर ट्रेन को रोका गया। वहां भी रेलवे अधिकारियों ने कानपुर में एसी कूलिंग की समस्या दूर होने का आश्वासन दिया गया। ट्रेन के कानपुर पहुंचने पर पैसेंजर्स का आक्रोश फूट गया और उन्होंने समस्या दूर होने तक ट्रेन न चलने देने की बात पर डट गए। लिहाजा रेलवे ने वह कोच हटाकर उसके स्थान पर रिजर्व में खड़े श्रमशक्ति एक्सप्रेस के एसी कोच को लगाकर ट्रेन को एक घंटे लेट से शाम साढ़े पांच बजे रवाना किया।

जनरल कोच में बैठाया
सीमांचल एक्सप्रेस के डी-4 कोच में जर्नी के दौरान ट्यूजडे को पनकी के आगे तकनीकी फाल्ट हो गया था। जिसकी वजह से ट्रेन स्पीड में चलने में सक्षम नहीं थी। मामले की जानकारी ट्रेन के ड्राइवर ने कंट्रोल रूम को दी। ट्रेन को पनकी से कॉसन देकर कानपुर स्टेशन तक लाया गया। जहां रेलवे अधिकारियों ने डी-4 कोच को हटाकर उसमें सफर कर रहे पैसेंजर्स को दूसरे जनरल कोच में बैठा कर ट्रेन को निर्धारित समय से एक घंटे लेट से लगभग शाम 4.22 बजे रवाना किया।

Posted By: Inextlive