- अमेरिकी नागरिकों को उन्हीं के देश का एक लोकल एकाउंट नम्बर देते थे

- बिटक्वाइन के जरिए अब तक सात लाख रुपए ठगने के मिल चुके सुबूत

अमेरिकी नागरिकों को उन्हीं के देश का एक लोकल एकाउंट नम्बर देते थे

- बिटक्वाइन के जरिए अब तक सात लाख रुपए ठगने के मिल चुके सुबूत

KANPURkanpur@inext.co.in

KANPUR: फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर चलाने वालों ने अमेरिकी नागरिकों को ठगने के लिए तीन तरीके निकाले थे। वह उनसे बिटक्वाइन, वाया ट्रांसफर और गिफ्ट कार्ड के जरिए भुगतान लेते थे। इसके सबूत भी क्त्राइम ब्रांच को मिले हैं। बिटक्वाइन के जरिए अब तक सात लाख रुपए की ठगी सामने आ चुकी है। बाकी की खोज जारी है। एडीसीपी क्त्राइम ने बताया कि आरोपी बिटक्वाइन में भुगतान लेने के लिए क्वाइन स्विच एप और वजीर एक्स एप का इस्तेमाल कर रहे थे। इन लोगों ने सात लाख रुपए के ट्रांजेक्शन उसके जरिए किए हैं। जिसके सबूत मिल चुके हैं। इसके अलावा ये लोग गिफ्ट कार्ड (ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स) के जरिए भी भुगतान लेते थे। जिसे इनका नोएडा में बैठा साथी कैश में ट्रांसफर करा कर आरोपियों को पैसे भेज देता था। इसके लिए वह अपना क्0-क्भ् प्रतिशत का कमीशन काट लेता था।

अमेरिकी खाते में डलवाते थे रुपया

वाया ट्रांसफर के जरिए पैसे मंगाने का तरीका भी आरोपियों ने अपनाया हुआ था। वह अमेरिकी नागरिकों को उन्हीं के देश का एक लोकल एकाउंट नम्बर देते थे। इस एकाउंट को नोएडा में बैठा इनका साथी साझीदार हैंडल करता था। पैसा खाते में मंगाने के बाद नोएडा में बैठा शातिर उसे इनके खाते में ट्रांसफर कराने का काम करता था। इसके लिए वह ख्0 प्रतिशत कमिश्ान लेता था।

अमेरिकन एक्सेंट में स्कि्त्रप्ट

अमेरिका में कॉल करने वाले लोगों को अमेरिकन एक्सेंट इंग्लिश में स्कि्त्रप्ट तैयार मिलती थी। वह उसे देखकर वहां के लोगों से उन्हीं की भाषा में बात कर लेते थे। कॉल सेंटर में तीन कम्प्यूटर सिस्टम लगे थे और उस पर बैठने वाले तीनों कर्मचारियों की अंग्रेजी भाषा में पकड़ अच्छी थी। इसके लिए उन्हें महीने में क्भ्-ख्0 हजार रुपए वेतन दिया जा रहा था।

कॉल सेंटर में किया है काम

इस मामले में गिरफ्तार आरोपी रवि शुक्ला और विशाल सिंह सेंगर ग्रेजुएट हैं। इससे पहले ये दोनों वी गोल्ड और मैक्स थ्राइव नाम के कॉल सेंटर्स में काम कर चुके हैं। वहीं से आरोपियों ने अमेरिकी कॉल सेंटर में काम करने के तौर तरीकों के बारे में जानकारी हासिल की।

इस तरह लेते थे पैसा

- लोन प्रोसेसिंग फीस के नाम पर फ्00 से भ्00 डालर

- क्लोजिंग कास्ट के नाम पर लोन राशि का दो प्रतिशत

- एडवांस रीपेमेंट के नाम पर 800 से 900 डालर

- लोन के इंश्योरेंस के नाम पर फीस लेते थे।

- लोन कैंसिलेशन के नाम पर म्00-700 डालर लेते थे

Posted By: Inextlive