महिला उत्पीड़न अपराध में 17.5 फीसदी कमी
- 17.5 फीसद महिला अपराध में आई कमी
- 3 प्रतिशत ही रेप के मामले में आई कमी - 2 साल के मुकाबले वर्तमान महिला अपराध में आई कमी - दहेज हत्या, छेड़छाड़ और अपहरण के मामले हुए कम - रेप के मामले में मात्र 3 प्रतिशत की ही कमी द्यह्वष्द्मठ्ठश्र2@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ रुष्टयहृह्रङ्ख : महिला शक्तिकरण को लेकर लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट लगातार काम कर रहा है। महिलाओं से संबंधित अपराध के मामले हो या फिर उन्हें तत्काल न्याय और मदद दिलाने की बात। पिछले दो साल के सापेक्ष 2020 के आंकड़े इसके गवाह हैं कि महिला अपराध में 17.5 फीसदी की कमी आई है। हालांकि इसके पीछे लखनऊ कमिश्नरेट की स्पेशल स्ट्रेटजी और प्लानिंग है, जिसमें महिलाओं के लिए कई प्लान को अमलीजामा पहनाया गया। रेप में केवल तीन प्रतिशत की कमीकिडनैपिंग, दहेज हत्या और शीलभंग के मामले में भले ही पुलिस के आंकड़े जादुई हों, लेकिन रेप केस के मामले में पुलिस की उपलब्धी बड़ी नहीं है। वर्ष 2018 में जहां शहर में रेप के 513 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं 2019 में 391 और 2020 में 379 केस दर्ज किए गए।
क्राइम 2020 2019 2018
दहेज हत्या 264 320 317 रेप 379 391 513 शीलभंग 1269 1806 1844 अपहरण 1406 1687 2231 लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की स्ट्रेटजी पर एक नजर वूमेन क्राइम सेल ने दिलाई सफलतावूमेन क्राइम सेल पुलिस कमिश्नरेट की बड़ी उपलब्धी है, जिसमें महिलाओं से संबंधित होने वाले अपराध की सीधे मॉनीटरिंग की जाती है। साथ ही एक्शन के लिए पैरवी तक की जाती है। इस सेल का प्रभारी एक महिला आईपीएस को बनाया गया। एक साल में ढाई सौ से ज्यादा मामले में तत्काल एक्शन लिया गया।
वीमेन पॉवर लाइन को बनाया और प्रभावी वीमेन पॉवर लाइन 1090 पहले से चल रहा है, लेकिन कमिश्नरेट लागू होने के बाद इसे और भी प्रभावी बनाया गया। 1090 में आने वाली शिकायत पर तीन स्टेप में काउंसलर कॉलिंग शुरू की गई। इसमें डब्लूपीएल एफएफआर (फैमिली फ्रेंड्स व रिश्तेदार) स्ट्रेटजी पर काम किया जा रहा है। थानों में महिला हेल्प डेस्क बनाई पुलिस कमिश्नरेट के सभी थानों में महिला हेल्प डेस्क बनाई गई है, जिसमें महिला पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया। महिला से होने वाले अपराध के मामले में महिला पुलिस कर्मी तत्काल सुनवाई करेंगी। इसे स्ट्रीट क्राइम संबंधित मामले के लिए बनाया गया। इसमें पर्स, चेन स्नेचिंग और टप्पेबाजी की वारदात शामिल है। महिला किसी नजदीकी थाने के महिला हेल्प डेस्क में शिकायत कर सकती है। पिंक बूथ भी बनाए गएमहिलाओं से छेड़छाड़ और अपराध के लिए शहर में पिंक बूथ बना गए। हर थाना क्षेत्र में तीन से चार प्रमुख बाजार, स्कूल्स-कॉलेज और कामर्शियल बिल्डिंग के आस-पास उन्हें बनाया गया है। पिंक बूथ पर महिला पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया। उन्हें पिंक स्कूटी और चार पहिया उपलब्ध कराई गई है। पिंक बूथ पर शिकायत करने पर तत्काल पीडि़त महिला को मदद मिलेगी।
डायल 112 में महिलाओं के लिए खास व्यवस्था डायल 112 किसी भी सूचना को तत्काल संबंधित अधिकारी तक पहुंचाती है ताकि पुलिस स्थिति को संभाल ले। डायल 112 में भी महिलाओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। किसी भी समय कोई महिला उन्हें मदद के लिए कॉल करती है तो डायल 112 उन्हें न केवल सुरक्षित घर तक पहुंचाने का काम कर रही बल्कि उन्हें तत्काल मदद भी पहुंचा रही है।