- कमिश्नर की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक, दिए कई निर्देश

LUCKNOW मंडलायुक्त रंजन कुमार की अध्यक्षता में पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत लंबित आवेदनों को लेकर समीक्षा बैठक हुई। बैठक में ऐसी बैंक जिनकी बैंक शाखाओं में अधिक मात्रा में आवेदन पत्र लंबित हैं, उनके जोनल हेड तथा सबसे खराब प्रगति वाली बैंक शाखाओं के बैंक प्रबंधकों को बुलाया गया।

यह सच आया सामने

समीक्षा में पाया गया कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में 2684 आवेदन पत्र, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में 2528 आवेदन पत्र, बैंक ऑफ बड़ौदा में 2514 आवेदन पत्र, कोटक महिन्द्रा बैंक में 2358 आवेदन पत्र, पंजाब नेशनल बैंक में 1284 आवेदन पत्र, इंडियन बैंक में 1215 आवेदन पत्र, बैंक ऑफ इंडिया में 1208 आवेदन पत्र, केनरा बैंक में 1025 आवेदन पत्र, इंडियन ओवरसीज बैंक में 628 आवेदन पत्र, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 555 आवेदन पत्र लंबित हैं।

लखनऊ 68वें नंबर पर

वर्तमान में उक्त योजना के अंतर्गत प्राप्त लक्ष्य 70328 के सापेक्ष मात्र 30412 ऋण वितरित हुए हैं, जोकि 50 प्रतिशत से भी कम है। उक्त योजना में लखनऊ उत्तर प्रदेश में 68 वें स्थान पर है। उक्त खराब प्रगति पर मंडलायुक्त द्वारा नाराजगी व्यक्त करते हुये निर्देश दिये कि विभिन्न बैंक के पास 18000 से अधिक आवेदन पत्र लंबित है। इसके अतिरिक्त बैंकों द्वारा छोटे.छोटे कारणों से लगभग 16000 प्रार्थना पत्र अमान्य कर दिये गये हैं। जिसके कारण वेंडर-हितग्राही उक्त योजना का लाभ उठाने में उदासीनता दिखा रहा है। सभी जोनल हेड ने आश्वासन दिया कि उक्त योजनान्तर्गत लक्ष्यानुसार प्रगति सुनिश्चित की जायेगी।

बैंकों की स्थिति

सबसे ज्यादा लंबित प्रार्थना पत्र बैंक ऑफ बड़ौदा इंदिरा नगर (66), आलमबाग (56), अमीनाबाद (50), पटेल नगर (44), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, ऐशबाग (69), ठाकुरगंज (56), राजाजीपुरम (47), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, यूनिटी कालेज (50), शिया डिग्री कालेज (47), बैंक ऑफ इंडिया, सीतापुर रोड (100), सरोजनी नगर (61), केनरा बैंक आलमबाग (169) बैंक शाखाओं में रहे। कमिश्नर ने सभी बैंक प्रबंधकों तथा जोनल हेड को कड़ी चेतावनी देते हुये तत्काल ऋण वितरण करने के निर्देश दिये हैं।

Posted By: Inextlive