निगम प्रशासन की ओर से अपील की गई है कि भवन स्वामी अपने मकान का टैक्स असेसमेंट जरुर कराएं। जिससे एक तो उन्हें ओटीएस का लाभ मिल सके वहीं दूसरी तरफ उनके पास एवरेज टैक्स की रसीद भी नहीं जाएगी।


लखनऊ (ब्यूरो)। एक तरफ जहां शहर सरकार की ओर से भवन स्वामियों को हाउस टैक्स में जुड़े ब्याज से शत प्रतिशत राहत दिए जाने की तैयारी की जा रही है, वहीं दूसरी तरफ हाउस टैक्स से बचने के लिए करीब 20 फीसद भवन स्वामी अपने मकान के साइज को छिपा रहे हैैं। जिसकी वजह से उनके मकान का एक्चुअल साइज के हिसाब से टैक्स निर्धारण नहीं हो पा रहा है। अब निगम प्रशासन की ओर से ऐसे भवन स्वामियों पर शिकंजा कसने का काम शुरू कर दिया गया है।निगम करा रहा सर्वे


निगम की ओर से राजधानी में ऐसे मकानों का सर्वे कराया जा रहा है, जो नव निर्मित हैैं या लंबे समय से उनका हाउस टैक्स जमा नहीं किया गया है। इस कदम को उठाने की एक वजह यह भी है कि अगर ये मकान निगम के रिकॉर्ड में दर्ज नहीं होंगे, तो उन्हें ओटीएस का लाभ नहीं मिलेगा। इतना ही नहीं, उनके पास निगम की ओर से एवरेज टैक्स का बिल भेजा जा रहा है। जिससे भवन स्वामी यह जान ही नहीं पा रहे हैैं कि उनका मकान का सालाना हाउस टैक्स कितना है। असेसमेंट कराने के बाद ही टैक्स को लेकर सही तस्वीर साफ हो सकती है।यह हकीकत आ रही सामने

अभी जो तस्वीर सामने आई है, उससे साफ है कि करीब 20 फीसद भवन स्वामी ऐसे हैैं, जो न तो टैक्स असेसमेंट करा रहे हैैं न ही सेल्फ असेसमेंट करा रहे हैैं। वे मकान के साइज में भी खेल किया जा रहा है, जिससे कम से कम टैक्स लगे। हालांकि भवन स्वामियों को यह नहीं पता है कि इस खेल का कोई फायदा नहीं है।अब टीम जाएगी मौके परनिगम प्रशासन ने भवन स्वामियों की लापरवाही पर शिकंजा कसने के लिए अब स्थलीय निरीक्षण कराए जाने का फैसला लिया है। इस कदम के अंतर्गत निगम की टीम मौके पर जाएगी और खुद मकान के साइज का वैल्युएशन करेगी। जिससे यह साफ हो जाएगा कि मकान कितना बड़ा है और उसके आधार पर ही हाउस टैक्स की गणना की जाएगी। इतना ही नहीं, यह गणना उस साल से होगी, जब से मकान बना है। मतलब भवन स्वामियों को अच्छा खासा हाउस टैक्स जमा करना होगा।असेसमेंट बेहद जरूरी

निगम प्रशासन की ओर से अपील की गई है कि भवन स्वामी अपने मकान का टैक्स असेसमेंट जरुर कराएं। जिससे एक तो उन्हें ओटीएस का लाभ मिल सके, वहीं दूसरी तरफ उनके पास एवरेज टैक्स की रसीद भी नहीं जाएगी। उनके पास वही टैक्स की रसीद जाएगी, जो निगम द्वारा निर्धारित की जाएगी।इस तरह कराएं असेसमेंट1- जोन कार्यालय में आवेदन पत्र दें2- आवेदन पत्र में नाम, एड्रेस आदि का जिक्र करें3- जोन कार्यालय की टीम मौके पर जाकर सत्यापन करेगी4- मकान की बनावट के हिसाब से हाउस टैक्स तय किया जाएगा5- निगम की ओर से हाउस टैक्स निर्धारित कर दिया जाएगाहमारी भवन स्वामियों से अपील है कि अपने मकान का टैक्स असेसमेंट जरूर कराएं। ऐसा करने से उन्हें ओटीएस का लाभ तो मिलेगा ही साथ ही वो अपने हाउस टैक्स के बारे में जानकारी भी हासिल कर सकेंगे।-अशोक सिंह, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी

Posted By: Inextlive