40-45 फीसदी घरों से वेस्ट नहीं उठता

100 प्रतिशत वेस्ट कलेक्शन किया जाना है

100 से 150 रु। यूजर चार्ज लिया जाता

8 जोन में बंटा है शहर

4 जोन में वेस्ट कलेक्शन की स्थिति ठीक

- म्युनिसिपल बांड के लिए जमकर की गई ब्रांडिंग, सफलता भी मिली

- 40 फीसदी घरों से वेस्ट नहीं उठता, ईकोग्रीन कंपनी को 30 दिसंबर तक का फाइनल टाइम

LUCKNOWकरीब एक साल के अथक प्रयास और ब्रांडिंग के बाद अंतत: म्युनिसिपल बांड के रूप में नगर निगम के खाते में 200 करोड़ रुपये आ गए। अब जरा निगम प्रशासन के अधिकारियों को शहर के असली मर्ज की तरफ ध्यान देना होगा। यह मर्ज है डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन। आलम यह है कि 40 से 45 फीसदी घरों से अभी तक वेस्ट कलेक्शन की सुविधा शुरू नहीं हो पाई है जबकि जिन घरों से वेस्ट कलेक्ट हो भी रहा है, वहां यह सुविधा नियमित रूप से नहीं है। वहीं भवन स्वामियों से हर मंथ 100 से 150 रुपये यूजर चार्ज के रूप में लिए जा रहे हैं।

दो साल से कवायद

डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पिछले दो साल से प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन स्थिति बहुत बेहतर नहीं हुई है। अभी तक 100 प्रतिशत डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन का सपना साकार होता नजर नहीं आ रहा है।

चार जोन को अभी इंतजार

हाल में ही निगम प्रशासन की ओर से जोन एक, पांच, आठ और चार में डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन व्यवस्था को सुधारने के लिए ईकोग्रीन कंपनी को नए संसाधन दिए गए, जिसके बाद उक्त जोन के तहत करीब 80 फीसदी घरों से वेस्ट कलेक्शन का काम हो रहा है। जबकि जोन दो, तीन, छह और सात में रहने वाले लोगों को घर से वेस्ट कलेक्शन का इंतजार है।

प्राइवेट कर्मियों के भरोसे लोग

जिन एरिया में ईकोग्रीन की ओर से वेस्ट कलेक्शन नहीं किया जा रहा है, वहां पर प्राइवेट लोगों (ज्यादातर बांग्लादेशियों) की ओर से वेस्ट कलेक्शन का काम किया जा रहा है। उनकी ओर से भवन स्वामियों से उतना ही यूजर चार्ज लिया जा रहा है, जितना ईकोग्रीन कंपनी की ओर से चार्ज लिया जाता है। प्राइवेट लोग नियमित रूप से वेस्ट कलेक्ट करते हैं, जिसकी वजह से भवन स्वामियों का मानना है कि यह व्यवस्था ज्यादा बेहतर है।

टाइमिंग निर्धारित नहीं

ईकोग्रीन की गाडि़यों की एक समस्या टाइमिंग को लेकर भी है। जिन एरिया में कंपनी की ओर से डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन किया जा रहा है, वहां पर कोई टाइमिंग निर्धारित नहीं है। कभी गाड़ी सुबह सात बजे आती है तो कभी सुबह 10 या उसके बाद। जिसकी वजह से भवन स्वामियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

अब निगम प्रशासन के प्रयास

1- 30 दिसंबर तक का टाइम

विवरण-निगम प्रशासन की ओर से ईकोग्रीन कंपनी को 30 दिसंबर तक का टाइम दिया गया है। इस समयावधि के अंदर कंपनी को 100 प्रतिशत वेस्ट कलेक्शन करना होगा।

2-पब्लिक जागरुकता-निगम प्रशासन की ओर से जोनवार अभियान चलाकर पब्लिक को जागरुक किया जाएगा कि वे लोग सिर्फ निगम द्वारा अधिकृत कंपनी के कर्मचारियों को ही कूड़ा दें, प्राइवेट कर्मियों को न दें।

3-हर सप्ताह समीक्षा-नगर आयुक्त या अपर नगर आयुक्त स्तर पर हर सप्ताह डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी। जिससे सही तस्वीर सामने आ सके।

खाते में आए 200 करोड़

हाल में मुंबई स्टॉक एक्सचेंज में म्युनिसिपल बांड का प्रेजेंटेशन दिया गया था। जिसके बाद बुधवार को निगम के खाते में बांड की 200 करोड़ की धनराशि आ भी गई है। निगम प्रशासन की ओर से उक्त धनराशि को योजनाओं खासकर औरंगाबाद खालसा आवासीय योजना में इंवेस्ट करने के लिए रणनीति भी बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। बुधवार को नगर आयुक्त ने खुद साइट पर जाकर योजना की स्थिति देखी।

वर्जन

ईकोग्रीन कंपनी को 30 दिसंबर तक का अंतिम समय दिया गया है। इस समयावधि में कंपनी को 100 प्रतिशत घरों से वेस्ट कलेक्शन करना होगा।

अजय कुमार द्विवेदी, नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive