बीते साल के मुकाबले इसबार 30 फीसद अधिक एंटीबॉडी लेवल
- केजीएमयू में प्लाज्मा डोनेट करने वालों पर हुई स्टडी
- बीते साल की तुलना में इस बार 30 फीसद अधिक एंटीबॉडी लेवल LUCKNOW: कोरोना वायरस की इस दूसरी लहर में बड़ी संख्या में राजधानी के लोग संक्रमण का शिकार हो चुके हैं। इस बार लोगों में बुखार, खांसी आदि के लक्षण भी अधिक देखने को मिल रहे हैं। वहीं कोरोना से ठीक हो चुके बहुत से लोगों में एंटीबॉडी का लेवल भी हाई मिल रहा है। यह जानकारी केजीएमयू में प्लाज्मा डोनेट करने आए लोगों पर की गई एक स्टडी से सामने आई है। इस स्टडी से पता चला है कि पिछली लहर के मुकाबले इस बार 30 फीसद लोगों में हाई लेवल की एंटीबॉडी मिली है। इससे इन लोगों को लंबे समय तक कोरोना से सुरक्षा मिलती रहेगी। पेश है अनुज टंडन की रिपोर्ट एक अच्छा संकेतकेजीएमयू की ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन डिपार्टमेंट की एचओडी प्रो। तूलिका चंद्रा ने बताया कि इस बार लोगों में एंटीबॅडी लेवल अच्छा देखने को मिल रहा है। इससे आपको कोरोना के प्रति सुरक्षा अधिक समय तक के लिए मिल सकती है। अब तक हमारे यहां 170 से अधिक लोग प्लाच्मा डोनेट कर चुके हैं। जिसमें करीब 30 फीसद में एंटीबॉडी काफी हाई लेवल की मिली है।
हो सकते हैं कई कारणलोगों में हाई एंटीबॉडी लेवल मिलने के पीछे के कारणों को लेकर प्रो। तूलिका चंद्रा ने बताया कि इसके कई कारण हैं। हाई लेवल एंटीबॅडी उनमें ज्यादा मिल रही है जो दूसरी बार संक्रमित हुएहै, क्योंकि हम लोग जो टेस्ट कर रहे हैं, खासतौर पर जो प्लाच्मा डोनेट कर रहे हैं उनमें बेहतर एंटीबॉडी हैं। इन लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी डेवलप हो रही हैं। इसके अलावा वैक्सीनेशन भी एक कारण हो सकता है। यह बूस्टर की तरह शरीर में एंटीबॉडी लेवल बढ़ाने का काम कर रहा है।
हाई एंटीबॉडी का फायदा डॉ। तूलिका चंद्रा ने बताया कि एंटीबॉडी का लेवल कितना है, उसी आधार पर बॉडी लंबे समय तक कोरोना से बचाव में मददगार रहती है। अगर किसी में एंटीबॉडी हाई लेवल की है तो वो आपको 3-4 माह तक सुरक्षा कवच देने का काम करता है। इस बार लोगों में पहले के मुकाबले एंटीबॉडी लेवल ज्यादा देखने को मिल रहा है। इस बार 30 फीसद अधिक तक लोगों में हाई लेवल देखने को मिल रहा है। प्रो। तूलिका चंद्रा, एचओडी, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन डिपार्टमेंट, केजीएमयू