मानसिक विकार का करीब एक अरब लोग दुनिया में शिकार हैं। यह विकलांगता का एक प्रमुख कारण है। एक अनुमान के अनुसार दुनिया में 5 फीसद वयस्क अवसाद से ग्रसित हैं। 10 से 19 साल के हर सात में से हर एक बच्चा मानसिक अवसाद का अनुभव करता है। कई रिसर्च से यह बात सामने आ चुकी है कि सामान्य ओपीडी में आने वाले करीब 30 फीसद मरीज मानसिक विकार का शिकार हैं। यह जानकारी वल्र्ड मेंटल हेल्थ डे के अवसर पर आईएमए के पीसी कोआर्डिनेटर व साइकियाट्रिस्ट डॉ। अलीम सिद्दीकी और सेकेट्री डॉ जेडी रावत ने दी।

लखनऊ (ब्यूरो)। डॉ सिद्दीकी ने बताया कि कई स्टडी के अनुसार हर 100 में से एक मौत आत्महत्या करने की वजह से होती है। यह 15-29 वर्ष की आयु के युवाओं की मृत्यु का चौथा प्रमुख कारण है। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण केअनुसार वर्तमान मानसिक स्वास्थ्य विकार 10.6 फीसद था। जिसमें 10 फीसद सामान्य मानसिक विकारों यानि सीएमडी के कारण थी। जिसमें अवसाद, चिंता और मादक द्रव्यों का सेवन शामिल है। बच्चे और किशोर मानसिक विकार से गंभीर रूप से प्रभावित हैं और एक फीसद आबादी में आत्महत्या का जोखिम अधिक है।

ओपीडी में रोज आ रहे 15 मरीज
बलरामपुर अस्पताल के मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ देवाशीष शुक्ला ने बताया कि जिन्हें कोरोना हुआ है। उनमें भूलने की समस्या देखने को मिल रही है। लोग घबराहट, सिर दर्द व अवसाद की चपेट में हैं। तीन-चार माह इलाज के बाद भी यह समस्या दूर नहीं हो रही है। जिन्हें कोरोना नहीं हुआ है, उनमें भी यह समस्या देखने को मिल रही है। अत्यधिक सोचना इसका एक प्रमुख कारण है। ओपीडी में रोज 10 से 15 मरीज ऐसे आ रहे हैं, जिनमें कोरोना वायरस का डर समा गया है।

लॉकडाउन का भी दिमाग पर पड़ा असर
केजीएमयू के मानसिक स्वास्थ्य विभाग के डॉ आदर्श त्रिपाठी ने बताया कि कोरोना काल मे मानसिक रोगियों की संख्या में इजाफा हुआ है। लॉकडाउन व कोरोना कफ्यू की वजह से भी लोगों की मानसिक स्थिति प्रभावित हुई है। हमारे यहां पोस्ट कोविड के ऐसे रोज 8 से 10 मरीज आ रहे हैं।

मानसिक स्वास्थ्य पर परिचर्चा
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से मानसिक स्वास्थ्य पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस मौके पर जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ। राजेन्द्र कुमार चौधरी ने बताया कि बलरामपुर अस्पताल में जिला मानसिक प्रकोष्ठ और जिला मानसिक क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है। जहां मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित परामर्श की सुविधा के साथ इलाज की भी व्यवस्था है। इसके अलावा मनकक्ष की भी स्थापना की गई है, जहां पर प्रशिक्षित काउंसलर्स लोगों की समस्याओं का समुचित समाधान करते हैं।

Posted By: Inextlive