- 461 मरीज ठीक होकर हुये डिस्चार्ज

- केजीएमयू में गंभीर महिला को मिली दूसरी जिंदगी

LUCKNOW : शहर में कोरोना संक्रमण की चेन टूटने का नाम नहीं ले रही है। बुधवार को जारी रिपोर्ट में 336 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। वहीं प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक भी कोरोना की जद में आ गये हैं। इसकी जानकारी खुद उनहोंने ट्वीट के माध्यम से दी। वहीं राहत देने वाली खबर है कि 461 मरीजों ने कोरोना संक्रमण को मात दी है। जिसके बाद उनको डिस्चार्ज कर दिया गया है। वहीं 2 मरीज कोरोना से जिंदगी की जंग हार गए।

कानून मंत्री की रिपोर्ट पॉजिटिव

प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक भी कोरोना संक्त्रमित हो गये हैं। कुछ दिन पहले ही उनकी पत्नी संक्रमित हो गई थीं, लेकिन तब मंत्री की रिपोर्ट निगेटिव आई थी। कुछ दिन बाद लक्षण आने पर जांच कराई तो कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। इससे पहले भी कई प्रदेश मंत्री कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। जबकि एक मंत्री की मौत तक हो चुकी है।

नहीं टूट रही कोरोना चेन

राजधानी के गोमती नगर, आलमबाग, हजरतगंज और इंदिरानगर आदि क्षेत्रों में कोरोना चेन टूटने का नाम नही ले रही है। यहां से लगातार बड़ी संख्या में वायरस पैर पसार रहा है। बुधवार को जारी रिपोर्ट में गोमतीनगर में 23, इंदिरा नगर में 22, आलमबाग में 19, हजरतगंज में 11, चौक में 11 और ठाकुरगंज में 10 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है।

यहां भी मिले मरीज

इसके अलावा बाजारखाला में 7, हसनगंज में 9, जानकीपुरम में 5, विकास नगर में 6, सआदतगंज में 8, तालकटोरा में 8, कैंट में 5, अमीनाबाद में 5, मडि़यांव में 8, सुशांत गोल्फ सिटी में 3, चिनहट में 9, अलीगंज में 8, वजीरगंज में 6, नाका में 7, गुडंबा में 5 आशियाना में 3, सरोजनी नगर में 5, रायबरेली रोड में 7, कैसरबाग में 3, हुसैनगंज में 3, बीकेअी में 3 और पारा में 2 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है।

डॉक्टर्स ने दी दूसरी जिंदगी

दूसरी ओर केजीएमयू में डॉक्टर्स ने दिमागी और फेफड़े के टीबी से ग्रसित कोरोना संक्रमित महिला मरीज की जान बचाने काम किया है। प्रवक्ता प्रो। सुधीर सिंह के मुताबिक 48 वर्षीय महिला मरीज को फेफड़े में टीबी की समस्या थी। संस्थान में जांच के दौरान दिमाग का टीबी का भी पता चला। इस दौराना कोविड रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई। मरीज की सांस ज्यादा फूलने से उसे आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया। करीब 15 दिनों के अथक प्रयास के बाद मरीज को वेंटिलेटर से निकाला जा सका। जिसके बाद उसे आईसीयू से आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कराया गया। अब मरीज पूरी तरह से ठीक है।

यूनानी डॉक्टर की कोरोना से मौत, शव वाहन के लिए घंटों करना पड़ा इंतजार

- परिवारजन अफसरों को करते रहे फोन

- तेलीबाग निवासी चिकित्सक की मंगलवार रात हो गई थी मौत

रुष्टयहृह्रङ्ख (5 न्ह्वद्द): शहर के कोरोना मरीजों के इलाज में अव्यवस्थाएं हावी हैं। यहां अस्पताल में भर्ती के लिए जिद्दोजहद करनी पड़ती है। वहीं, मौत के बाद शव वाहन मिलने में भी दुश्वारियां हो रही हैं। शहर में मंगलवार को एक यूनानी डॉक्टर की मौत हो गई। शव वाहन न मिलने से 16 घंटे तक शव मच्यूरी में रखा रहा।

तेलीबाग निवासी डॉ। सैफद्दीन अंसारी की मौत हो गई। वह शहर के यूनानी मेडिकल कॉलेज के छात्र रहे हैं। 43 वर्षीय चिकित्सक कुछ दिन पहले कोरोना की गिरफ्त में आ गए। उन्हें इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। यहां आईसीयू में इलाज चला। मंगलवार रात 11:50 पर चिकित्सक की मौत हो गई। परिवारजन शव वाहन के लिए कंट्रोल रूम-अफसरों को फोन किया, मगर शव वाहन नहीं मिल सका। बुधवार को भी परिवारजन को भटकना पड़ा। शव वाहन के लिए फरियाद करनी पड़ी। शाम चार बजे के आस-पास उन्हें एंबुलेंस मिल सकी। कॉलेज के प्राचार्य डॉ। एमएन सिद्दीकी के मुताबिक, चिकित्सक की मौत मंगलवार रात को हुई। शव वाहन उपलब्ध कराने की सूचना कंट्रोल रूम भेज दी गई। बुधवार को शव वाहन आने पर बॉडी कोविड-प्रोटोकॉल के तहत सौंप दी गई। कॉलेज में जो भी प्रक्रियाएं थीं, वह समय से पूरी की गईं।

Posted By: Inextlive