3.15 पर आई सिस्टम में खराबी

50 किमी प्रतिघंटे रहती है रफ्तार

20 की स्पीड से ही चली मेट्रो

- विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन के पास सिग्नल सिस्टम में आया फाल्ट

- मेट्रो में फंस गए मुसाफिर, 40 मिनट बाद ठीक से शुरू हुआ संचालन

LUCKNOW

समय गुरुवार शाम करीब सवा तीन बजे। ट्रैक पर दौड़ रही मेट्रो के संचालन की तस्वीर अचानक बदल सी गई। कभी मेट्रो अचानक रुक जाती तो कभी रेंगने लगती। जिससे इसमें सवार यात्री परेशान हो गए। कोई समझ नहीं पा रहा था कि आखिर मेट्रो के पहिए क्यों रुक रहे हैं। जब काफी देर तक यही स्थिति रही तो कई पैसेंजर्स का धैर्य जवाब दे गया। उधर, मेट्रो तकनीकी टीम ने मोर्चा संभाला और समस्या को ढूंढना शुरू किया। फाल्ट मिला और उसे अस्थाई रूप से दूर करके मेट्रो रन शुरू तो करा दिया लेकिन औसतन स्पीड के आधार पर नहीं। करीब 40 से 45 मिनट के बाद मेट्रो ने अपनी औसत रफ्तार पकड़ी, तब कहीं जाकर मुसाफिरों को राहत मिली।

कई बार रुकी मेट्रो

यात्रियों की माने तो सवा तीन बजे के आसपास मेट्रो की स्पीड अचानक थम सी गई। कई स्टेशनों पर मेट्रो रुक गई। जिससे यात्रियों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा।

यूनिवर्सिटी स्टेशन के पास समस्या

सूत्रों की माने तो यूनिवर्सिटी मेट्रो स्टेशन के पास ऑटोमैटिक सिग्नल सिस्टम में तकनीकी फाल्ट आने से मेट्रो की रफ्तार पर असर पड़ा। फाल्ट की वजह से मेट्रो ऑटोमैटिक सिस्टम के बजाए मेट्रो मैनुअल चली।

20 किमी की गई रफ्तार

मेट्रो की औसतन स्पीड 50 किमी। प्रति घंटा रहती है लेकिन फाल्ट आने के बाद धीरे-धीरे मेट्रो का संचालन शुरू कराया गया। इस दौरान मेट्रो की स्पीड 20 किमी। प्रति घंटा रखी गई। फाल्ट दूर होने के बाद मेट्रो फिर से 50 किमी। प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी।

पकड़नी थी फ्लाइट

इस दौरान वाट्सएप पर चले एक वीडियो में एक पैसेंजर बता रहा है कि मेट्रो की रफ्तार थमने से उसे चिंता सता रही है कि कहीं उसकी फ्लाइट न मिस हो जाए। वहीं एक महिला प्रोफेसर भी अपनी परेशानी बता रही हैं।

मेट्रो ने रखा पक्ष

इस मामले में मेट्रो प्रशासन ने कहा कि सिग्नल सिस्टम फेल होने से 27 मिनट तक ट्रेन ऑपरेशन रुक गया था। जांच में पता चला कि सिग्नल सिस्टम में लगा एक स्विच खराब हो गया था। जिसे बदल दिया गया। इस दौरान मेट्रो के सभी सीनियर ऑफिसर्स सेंट्रलाइज्ड ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर से हालातों की मॉनीटरिंग करते रहे।

Posted By: Inextlive