पुलिस आंकड़ों के मुताबिक पिछले करीब डेढ़ साल में फेक नंबर प्लेट की 95 गाड़ियों की शिकायतें आ चुकी है जो दूसरी गाड़ियों का नंबर अपनी गाड़ियों में इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं इसके अलावा 259 चोरी 33 क्राइम में इन्वॉल्मेंट समेत 19 संदिग्ध नंबर की गाड़ियों की भी शिकायत थानों के माध्यम से दी गई है।


लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में इन दिनों पुलिस के लिए वाहन चोरी और उससे होने वाला क्राइम बड़ा सिरदर्द बना हुआ है। ट्रैफिक पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि शहर की सड़कों पर लगभग 406 ऐसी गाड़ियां हैं जो चोरी, फ्रॉड समेत कई तरह के क्राइम में इन्वॉल्व रही हैं। ट्रैफिक पुलिस इन सभी गाड़ियों को पकड़ने के लिए एक लंबी चौड़ी लिस्ट भी समय-समय पर तैयार करती है, लेकिन इनको पकड़ना पुलिस के एक बड़ी चुनौती बन गया है। पुलिस ने अब इनको पकड़ने के लिए इन सभी के नंबर्स इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) पर अपलोड कर दिए हैं। ये सभी गाड़ियां अब ट्रैफिक पुलिस के राडार पर हैं।ट्रैफिक पुलिस से ऐसे आया पकड़


ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, शहर की सड़कों पर ट्रैफिक नियमों का वायलेशन करने पर वाहनों का चालान काटा जाता है। इसके बाद इन चालानों की डिटेल वाहन चालकों के पास मोबाइल पर मैसेज के जरिये भेजी जाती है, लेकिन कई केसों में सामने आया कि नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालक किसी और गाड़ी की नंबर प्लेट अपने वाहनों में यूज करते हैं, जिससे चालान की डिटेल असली मालिकों के पास पहुंच जाती है। जब वे शिकायत लेकर ट्रैफिक पुलिस के पास पहुंचे तो मामले का खुलासा हुआ। शहर के अलग-अलग थानोंं से भी ट्रैफिक पुलिस को सूचना दी गई, ताकि नंबर को आईटीएमएस पर लगवाया जा सके। किस क्राइम में कितनी गाड़ियांपुलिस आंकड़ों के मुताबिक, पिछले करीब डेढ़ साल में फेक नंबर प्लेट की 95 गाड़ियों की शिकायतें आ चुकी है, जो दूसरी गाड़ियों का नंबर अपनी गाड़ियों में इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं, इसके अलावा 259 चोरी, 33 क्राइम में इन्वॉल्मेंट समेत 19 संदिग्ध नंबर की गाड़ियों की भी शिकायत थानों के माध्यम से दी गई है। ट्रैफिक पुलिस के रिकार्ड में आने वाले इन सभी नंबर्स को आईटीएमएस पर लगा दिया गया है, ताकि इन वाहनों को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके।सख्ती के बावजूद फेक नंबर का यूज

अधिकारियों ने बताया कि इन वाहनों की पुलिस को लंबे समय से तलाश है। इनमें सबसे ज्यादा दोपहिया वाहन शामिल हैं। इसके बाद तीन पहिया और चार पहिया वाहनों का नंबर आता है। अधिकारियों ने बताया कि इन गाड़ियों की संख्या आए दिन बढ़ती जा रही है। सख्ती के बावजूद कई ऐसे दोपहिया वाहन हैं जिनकी नंबर प्लेट फर्जी होती है। ये वाहन अपनी गाड़ी के बजाय किसी और गाड़ियों का नंबर इस्तेमाल कर कर रहे हैं। बता दें कि ट्रैफिक पुलिस का यह आंकड़ा जनवरी 2022 से लेकर अबतक का है।ये हाता है फायदा-क्राइम करने वाले वाहनों के नंबर को आईटीएमएस सिस्टम में फीड किया जाता है-जिन चौराहे पर आईटीएमएस है उसके राडार पर आते ही नंबर कैप्चर होता है-अगर इन चौराहे से फीड नंबर की गाड़ी गुजरती है तो सिस्टम अलर्ट कर देता है-अलर्ट के बाद कंट्रोल रूम को सूचना मिल जाती है-सूचना पर पुलिस अगले चौराहे पर अलर्ट रहती है, अगर चालक ने रूट बदला तो पकड़ना मुश्किल है फैक्ट फाइल-95 फ्रॉड नंबर का यूज-259 चोरी के वाहन-19 संदिग्ध नंबर-33 क्राइम में यूजवाहनों के चालान कटने के बाद मैसेज के माध्यम से मालिकों के पास मैसेज जाता है, बाद में पता चलता है कि इनके वाहन का नंबर कोई और यूज कर रहा है। ऐसे कई सारे केसेस आए हैं, जिन्हें समय-समय पर थाने समेत कमिश्नर कार्यालय में पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी जाती है। इसके अलावा इन नंबर को आईटीएमएस पर भी लगा दिया जाता है। ताकि इस तरह के लोगों को जल्द पकड़ा जा सके।-आशीष श्रीवास्तव, डीसीपी ट्रैफिक

Posted By: Inextlive