- हर महीने एक हजार से ज्यादा लोगों का रॉन्ग साइट गाड़ी चलाने पर होता है चालान

LUCKNOW:

हेलमेट, ड्राइविंग लाइसेंस, सीट बेल्ट, गाड़ी के पूरे पेपर होने के बाद भी जुर्माना भरने में लखनवाइट्स काफी आगे हैं, इसका कारण यह है कि ये रॉन्ग साइड गाड़ी चलाने में डरते नहीं हैं। हर माह ट्रैफिक पुलिस रॉन्ग साइड गाड़ी चलाने पर एक हजार से 12 सौ लोगों का चालान करती है और करीब 60 लाख रुपए सालाना इससे जुर्माना वसूला जाता है। रॉन्ग साइड वाहन चलाने के कारण एक्सीडेंट भी हो रहे हैं और लोग जान भी गंवा रहे हैं।

लोहिया पथ पर दौड़ाते है रॉग साइट व्हीकल

सीएम आवास से जियामऊ कैंसर हॉस्पिटल के बीच बहुत से लोग रॉन्ग साइट गाड़ी दौड़ाते हैं। जबकि इस रूट पर ट्रैफिक काफी तेज रहता है। यही नहीं डीजीपी आवास से सीएम आवास चौराहे तक भी लोग रॉन्ग साइड चलते है। जबकि यहां ट्रैफिक पुलिस भी तैनात रहती है।

गोमती बैराज पर नो इंट्री के बाद भी इंट्री

गोमती बैराज पर बालू अड्डा की तरह से फन चौराहे की ओर जाने वाले ट्रैफिक को वन वे किया गया है। भैंसाकुंड व बालू अड्डे की तरफ से गोमती बैराज कोई भी व्हीकल नहीं जा सकते हैं लेकिन इसके बाद भी लोग यहां रॉन्ग साइड वाहन चलाने से बाज नहीं आते हैं। यहां ऐसा करने पर काफी चालान भी होते हैं।

केस दर्ज करने का दिया था आदेश

पूर्व डीजीपी ओपी सिंह ने आदेश दिए थे कि नोएडा की तरह यूपी के अन्य बड़े शहरों में रॉन्ग साइड चलाने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। लखनऊ समेत प्रदेश के अन्य जिलों में भी इसे सख्ती से लागू कराया जाना था।

9 सौ मोबाइल एक्शन के लिए एक्टिव

हर जोन को रॉन्ग साइट चलने वालों पर एक्शन के लिए ट्रैफिक पुलिस के साथ ही सिविल पुलिस की मदद ली जा रही है। राजधानी में ट्रैफिक पुलिस के साथ सिविल पुलिस के पास 9 सौ से ज्यादा मोबाइल फोन और थर्मल प्रिंटर हैं। जिसमें ऑनस्पॉट चालान भी किया जा रहा है।

यह रूट्स भी खतरनाक

लोहिया पथ को रिंग रोड से जोड़ने वाले कुकरैल पुल तक आने के लिए खुर्रमनगर चौराहे से करीब आठ सौ मीटर तक छोटी बड़ी हर गाड़ी सर्विस लेन पर रॉन्ग साइड दौड़ रही है।

गायब हो जाती है ट्रैफिक पुलिस

खुर्रमनगर और इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे के दुकानदारों ने बताया कि रात 8 बजे ही ट्रैफिक पुलिसकर्मी ड्यूटी छोड़कर गायब हो जाते हैं। रिंग रोड पर शाम सात बजे से रात 12 बजे तक टैफिक लोड दिन के अपेक्षा करीब दो गुना बढ़ जाता है। जिससे स्थिति बहुत खराब हो जाती है। यहां ज्यादातर हादसे रात नौ बजे के बाद ही होते हैं।

इस कारण होते हैं हादसे

इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे से जानकीपुरम की ओर जाने वाली सड़क के कोने पर मंदिर है। इसके ठीक बाद सीतापुर फ्लाईओवर है। यहां पूरे दिन दोनों तरफ से बड़ी संख्या में गाडि़यों का आवागमन रहता है, लेकिन इस ब्लाइंड प्वाइंट पर दोनों तरफ के गाड़ी वाले एक दूसरे को देख नहीं पाते हैं। फ्लाईओवर से उतरने वाली गाडि़यों की रफ्तार 50 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटा रहती है। जिससे यहां काफी हादसे होते हैं।

इस तरह रोकने की तैयारी

लखनऊ पुलिस ने एक ऐसा तरीका खोजा है जिससे रॉन्ग साइड वाहन चलाने वालों पर लगाम लगाई जा सके। इसके लिए कई उपकरणों की मदद ली जाएगी जो पुलिस को मिल भी गए हैं। रोड स्पाइक बैरियर भी इनमें शामिल है। ये उपकरण रॉन्ग साइड आने वाले वाहनों को पंचर कर देगा। इस उपकरण को तेलीबाग और अहिमामऊ में लगाया जाना है। रोड स्पाइक बैरियर को सड़क में गड्ढा खोदकर फिट किया जाता है। इसमें एक साथ कई लीवर उठे रहते हैं। एक तरफ से तो इसके ऊपर से गाड़ी निकल जाती है लेकिन दूसरी तरफ से आने वाली गाड़ी को यह पंचर कर देता है।

पिछले 10 दिनों में रॉन्ग साइड गाड़ी चलाने पर हुए चालान

डेट कुल चालान

1 अप्रैल 36

2 अप्रैल 44

3 अप्रैल 27

4 अप्रैल 18

5 अप्रैल 73

6 अप्रैल 39

7 अप्रैल 22

8 अप्रैल 35

9 अप्रैल 33

10 अप्रैल 39

नोट- रॉन्ग साइड गाड़ी चलाने पर 500 रुपए का होता है चालान, साथ ही केस दर्ज करने का है नियम। तीन बार नियम तोड़ने पर रद हो जाता है लाइसेंस।

Posted By: Inextlive