निगम प्रशासन की ओर से प्लास्टिक वेस्ट के निस्तारण के लिए कई बार योजनाएं तो बनाई गईं लेकिन अभी तक इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाया जा सका है।


लखनऊ (ब्यूरो)। एक तरफ जहां 1 जुलाई से प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह रोक लगने जा रही है, वहीं दूसरी तरफ राजधानी में धड़ल्ले से सिंगल यूज प्लास्टिक का यूज हो रहा है। राजधानी में रोज घरों और दुकानों मिलाकर 60 मीट्रिक टन के आसपास प्लास्टिक वेस्ट कलेक्ट होता है और उसका निस्तारण कराया जाता है। यह आंकड़ा बेहद चौंकाने वाला है क्योंकि साफ है कि लोग सिंगल यूज प्लास्टिक के खतरे को नजरअंदाज कर रहे हैैं और धड़ल्ले से इसका यूज कर रहे हैैं।पहले से सुधार, फिर भी गंभीरसिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर करीब चार साल पहले ही आदेश आ चुका है और नगर निगम की ओर से कार्रवाई भी की गई थी। इसके बाद असर तो दिखा लेकिन गुजरते वक्त के साथ स्थिति चिंताजनक हो गई है। आज ठेलों से लेकर दुकानों और घरों के अंदर प्लास्टिक का यूज हो रहा है।


हर घर से निकलता प्लास्टिक वेस्ट

नगर निगम की ओर से तीन लाख घरों से वेस्ट कलेक्ट किया जा रहा है। वेस्ट कलेक्शन से जुड़े कर्मचारियों की माने तो लगभग हर घर से प्लास्टिक वेस्ट निकलता है। व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से निकलने वाले प्लास्टिक वेस्ट का आंकड़ा 40 फीसद रहता है। इसके साथ ही मार्केट एरिया में भी सिंगल यूज प्लास्टिक से निर्मित उत्पादों का यूज किया जा रहा है। वहीं अगर सब्जी मार्केट्स की बात करें तो इस मार्केट्स में भी ग्राहकों को प्लास्टिक बैग में सब्जी दी जा रही है।निस्तारण की कोई व्यवस्था नहींहैरानी की बात तो यह है कि नगर निगम के पास प्लास्टिक वेस्ट तो कलेक्ट करा लिया जाता है लेकिन उसके प्रॉपर निस्तारण की व्यवस्था नहीं है। जिससे प्लास्टिक वेस्ट का निस्तारण चुनौती बनता जा रहा है। निगम प्रशासन की ओर से प्लास्टिक वेस्ट के निस्तारण के लिए कई बार योजनाएं तो बनाई गईं लेकिन अभी तक इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाया जा सका है। हालांकि अब एक प्लानिंग की जा रही है कि प्लास्टिक वेस्ट के निस्तारण की व्यवस्था निजी कंपनी को दे दी जाए।बोले लोगनिश्चित रूप से हम सभी को सिंगल यूज प्लास्टिक से बने उत्पादों का यूज करने से बचना चाहिए। इससे पर्यावरण के साथ-साथ हेल्थ को भी नुकसान पहुंचता है।-नीरा सिंघलहम सभी तत्काल संकल्प लेना चाहिए कि अब सिंगल यूज प्लास्टिक का यूज नहीं करेंगे। उसके स्थान पर पेपर बैग या जूट बैग का ही इस्तेमाल करेंगे। जिससे पर्यावरण सेफ रहे।-डॉ। मनोज कुमार शर्मा

सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर वृहद स्तर पर जागरुकता अभियान चलाए जाने की जरूरत है। अभी तो ज्यादातर लोग इस तरह की प्लास्टिक के साइड इफेक्ट्स के बारे में जानते ही नहीं हैं।-डॉ। प्रतीक चंद्रापहले तो हम सभी को जागरुक होना होगा साथ ही दूसरों को भी जागरुक करने के लिए जिम्मेदारी संभालनी होगी। सबके प्रयास से ही सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लग सकती है।-रुचि जायसवाल

Posted By: Inextlive