बच्चों में खून की कमी की समस्या बेहद गंभीर होती है क्योंकि कम उम्र में खून की कमी से मानसिक और शारीरिक विकास दोनों में बाधा आती है। हाल ही में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। दरअसल वर्ष 2015-16 के 63।2 फीसदी के मुकाबले 2020-21 में मामले बढ़कर 66।4 फीसदी पर पहुंच गये हैं। एक्सपर्ट भी मानते हैं कि अगर ऐसा है तो यह चिंता का विषय है। हालांकि अगर समय रहते बच्चों के खानपान पर ध्यान दिया जाये तो इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

लखनऊ (ब्यूरो)। मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर द्वारा नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 को जारी किया गया है, जो हर पांच साल के बाद जारी किया जाता है। इसबार के सर्वे में बच्चों में एनीमिया के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। जहां रूरल और अर्बन दोनों जगहों पर अधिक संख्या में बच्चे एनीमिक मिल रहे हैं। सर्वे के मुताबिक प्रदेश में 6 से 59 माह के 66.4 फीसदी बच्चे एनीमिया से पीडि़त हैं। इसमें सर्वाधिक 66.7 फीसदी मामले रूरल एरिया जबकि 65.3 फीसदी मामले अर्बन एरिया के हैं। अर्बन एरिया में भी बड़ी संख्या में एनीमिक बच्चे मिलना बड़ी चिंता की बात है।
दो कारण हो सकते हैं
सर्वे के दूसरे पहलू की बात करें तो 15-49 वर्ष के बीच की प्रेग्नेंट महिलाओं में 2015-16 के 51 फीसदी मामलों के मुकाबले 2020-21 में 45.9 फीसदी मामले सामने आये। इसके अनुसार गर्भवतियों में एनीमिया के मामलों में कमी आई है। क्वीन मैरी में गाइनी एंड आब्स एक्सपर्ट डॉ। रेखा सचान के मुताबिक अगर सर्वे की रिर्पोट को आधार मानें तो बच्चों में मामले बढऩे के दो कारण हो सकते हैं। पहला यह कि बच्चा कुपोषित होने पर एनीमिक होता है। दूसरा कम उम्र के बच्चों में मिट्टी खाने की आदत के कारण पेट में कीड़े हो जाते हैं। इससे भी शरीर में खून की कमी हो सकती है जबकि गर्भवतियों के मामले में कमी की वजह गर्भावस्था के दौरान सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत आयरन सप्लाई की जा रही है। ऐसे में उनमें एनीमिया की कमी कम देखने को मिल रही है, जो एक अच्छी बात है।

उम्र के हिसाब से पोषण कम मिलना
एसजीपीजीआई में मैटरनल एंड री-प्रोडक्शन हेल्थ डिपार्टमेंट की डॉ। इंदुलता के मुताबिक 6 माह से लेकर पांच वर्ष तक के बच्चों में खून की कमी होती है। जिन बच्चों की मांओं में गर्भावस्था के दौरान आयरन स्टोर कम रहा, तो बच्चों में भी कमी होती है। इससे प्री-टर्म डिलीवरी या समय से पहले बच्चा होना, पैदाइश के समय कम वजन होना, बॉडी में आयरन स्टोर उम्र के हिसाब से कम होने से एनीमिया हो सकता है क्योंकि सही पोषण नहीं मिल रहा है। दूसरा यह कि छोटे बच्चों में डायरिया या लैक्टो इनटालरेंट यानि न्यूट्रिटिव एलीमेंट एब्जार्ब नहीं होना, पेट में कीड़ा होना, कोई क्रोनिक बीमारी आदि कई समस्याओं की वजह से खून की कमी देखने को मिल सकती है। ऐसे में गर्भावस्था से लेकर बढ़ती उम्र तक खानपान का विशेष ध्यान रखना होगा।


इसका रखें ध्यान
- शरीर का सही विकास नहीं होगा
- मानसिक विकास नहीं होगा
- लर्निंग कैपसिटी कमजोर होना
- ध्यान की क्षमता प्रभावित होना

ऐसे करें बचाव
- गर्भावस्था के दौरान सही पोषण दें
- गर्भावस्था में आयरन सप्लीमेंट दें
- हाइजीन व सेनेटाइजेशन का ध्यान रखें
- आयरन, विटामिन और मिनरल्स वाले खाने शामिल करें
- फास्ट फूड से दूरी बनाकर रखें
- कोई समस्या होने पर डॉक्टर से संपर्क करें

कुपोषण या पेट में कीड़े होने की वजह से खून की कमी हो सकती है। ऐसे में खानपान पर विशेष ध्यान देना होगा।

डॉ रेखा सचान, क्वीन मैरी

बच्चों में एनीमिया की कई वजह हो सकती है, जिससे उनका मानसिक विकास प्रभावित हो सकता है। ऐसे में आयरन युक्त भोजन जरूर शामिल करें।

डॉ इंदुलता साहू, एसजीपीजीआई

Posted By: Inextlive