चयनित अभ्यर्थी न्याय पाने के लिए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग और राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग में याचिका दाखिल की थी। लंबे समय तक सुनवाई के बाद आयोग में यह बात तथ्यों के साथ प्रमाणित हो गई है कि 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण की विसंगति हुई है।


लखनऊ (ब्यूरो)। प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती में हुई आरक्षण की विसंगति में संशोधन के बाद चयनित 6800 आरक्षित वर्ग के शिक्षक अभ्यर्थियों ने गुरुवार को बेसिक शिक्षा महानिदेशालय का घेराव किया। वे लोग नियुक्ति पत्र जारी करने की मांग कर रहे थे। अभ्यर्थियों का आरोप है कि अधिकारियों की लापरवाही से उन्हें नियुक्ति नहीं मिल सकी। पुलिस ने सभी को धरना स्थल इको गार्डेन ले जाकर छोड़ दिया। धरने पर बैठे वीरेंद्र यादव ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा 69000 शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया पूरी की गई थी। जिसमें आरक्षण की विसंगतियों के कारण आरक्षित वर्ग के कई सारे अभ्यर्थी चयन पाने से वंचित रह गए थे। चयनित अभ्यर्थी न्याय पाने के लिए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग और राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग में याचिका दाखिल की थी। लंबे समय तक सुनवाई के बाद आयोग में यह बात तथ्यों के साथ प्रमाणित हो गई है कि 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण की विसंगति हुई है। जिस को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपने आदेश में बेसिक शिक्षा परिषद को इन विसंगतियों को सुधारते हुए 6800 अतिरिक्त पदों पर नई सूची जारी करने का आदेश दिया।सूची जारी हुई पर नियुक्ति नहीं दी गई
वीरेन्द्र ने बताया कि इस आदेश के बाद बेसिक शिक्षा परिषद ने लगभग 6800 अभ्यर्थियों कि नई सूची जारी की, जिसमें केवल आरक्षित वर्ग के ही अभ्यर्थी शामिल हुए। इन अभ्यर्थियों को जल्द से जल्द नियुक्ति देने का भी आदेश दिया गया, लेकिन कई माह बीत जाने के बाद भी अभी तक हम अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। महानिदेशक बेसिक शिक्षा विजय किरन आनंद से धरना दे रहे अभ्यर्थियों के प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की और कहा कि यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है, इसलिए हम इसमें कुछ नहीं कर सकते।

Posted By: Inextlive