- मरने वालों में 11 राजधानी निवासी, 1014 मरीज डिस्चार्ज

रुष्टयहृह्रङ्ख : राजधानी में गुरुवार को कुशीनगर के विधायक रामानंद समेत 796 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। इसके अलावा 13 मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो गई है। इसमें 11 राजधानी निवासी हैं। उधर, 1014 मरीजों को डिस्चार्ज भी किया गया है।

13 मरीजों की गई जान

गुरुवार को शहर के विभिन्न मुहल्लों के 796 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। केजीएमयू समेत विभिन्न कोविड अस्पतालों में 13 मरीजों की इलाज के दरम्यान मौत हो गई है। इसमें 11 लखनऊ निवासी हैं। एक लखीमपुर के विष्णुपुरी निवासी 63 वर्षीय मरीज की कोरोना वार्ड में मृत्यु हो गई है। इसके अलावा 50 वर्षीय कुशीनगर के रोसिया निवासी मरीज की मौत हो गई। कुशीनगर के एक विधायक में भी कोरोना पाया गया। एसीएमओ डॉ। एमके सिंह के मुताबिक, विधायक रामानंद में कोरोना पाया गया है।

अस्पतालों का स्टाफ संक्रमित

झलकारी बाई अस्पताल में एक नर्स व आया कोरोना की शिकार हो गईं। यह बुखार के चलते अवकाश पर थीं। केजीएमयू के गैस्ट्रो विभाग में पांच स्टाफ में वायरस की पुष्टि हुई है। विभाग का 48 घंटे के लिए बंद कर दिया गया है।

एमडी मध्यांचल भी संक्रमित

मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एमडी सूर्य पाल गंगवार व अधिशासी अभियंता सोशल मीडिया सेल निशांत नवीन की कोरोना रिपोर्ट गुरुवार शाम पॉजिटिव आई है। गोखले मार्ग स्थित मध्यांचल मुख्यालय में पहले भी प्रवर्तन एसपी कार्यालय में कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव मिला था। जनसंपर्क अधिकारी शालिनी यादव ने बताया कि एमडी फिलहाल होम आइसोलेट हैं।

ड्राइवर-कुक को कोरोना, केजीएमयू वीसी क्वारंटीन

केजीएमयू के कुलपति का कार चालक व कुक में कोरोना की पुष्टि हुई है। ऐसे में कुलपति क्वारंटीन हो गए। तत्काल प्रभाव से सभी बैठकें निरस्त कर दी गई हैं। केजीएमयू के कुलपति ले। जनरल डॉ। बिपिन पुरी ने 10 अगस्त को कार्यभार ग्रहण किया। इस दौरान परिसर में ही आवास पर रुक रहे थे। गुरुवार को उनके ड्राइवर व कुक में कोरोना की पुष्टि हुई है। कुलपति ने सैंपल भेजे जाने की पुष्टि की है। उधर, परिसर में दिनभर ट्रूनेट टेस्ट में वीसी की रिपोर्ट पॉजिटिव होने की चर्चा रही, मगर संस्थान के प्रवक्ता डॉ। सुधीर सिंह ने आरटीपीसीआर रिपोर्ट आने पर ही कंफर्म करने की बात कही है। कुलपति कार्यालय के करीब 15 कर्मचारियों का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है।

तीन दिन में आवंटियों को आइवरमेक्टिन टैबलेट खिलाने का फरमान

- डीएम के आदेश से आरडब्ल्यूए पदाधिकारी सकते में, केवल 80 गोलियां दी गईं बांटने के लिए

- बाजार में आइवरमेक्टिन टैबलेट की गोलियां 85 रुपये तक बेची जा रहीं, पदाधिकारी हो रहे परे

रुष्टयहृह्रङ्ख (20 न्ह्वद्द): जिला प्रशासन का राजधानी के सभी आरडब्ल्यूए के लिए फरमान है कि वे सभी आवंटियों को अगले तीन दिन में आइवरमेक्टिन टैबलेट खिलवा दें। ताकि कोविड संक्रमण से बचा जा सके। इसके लिए सभी पदाधिकारियों को 80-80 गोलियां दे दी गई हैं, मगर खाने वालों की संख्या सैकड़ों में है। बाजार में पहले तो यह दवा उपलब्ध नहीं है। अगर है भी तो महंगी बेची जा रही है। ऐसे में सैकड़ों आवंटियों को दवा खिलाने के लिए बजट कहां से आएगा।

क्वारंटीन करने को कहा था

आरडब्ल्यूए की बुधवार को बैठक हुई थी। इसमें डीएम अभिषेक प्रकाश ने पदाधिकारियों से अपार्टमेंट में बाहर के जिलों से आने वाले हर व्यक्ति को सात दिन तक क्वारंटीन करने के लिए कहा था। साथ ही पदाधिकारियों को तीन से चार दिन में आइवरमेक्टिन दवा खिलाने के निर्देश दिए थे। दूसरी ओर गोमती नगर विस्तार महासमिति के सचिव उमाशंकर दुबे ने बताया कि अलकनंदा अपार्टमेंट में लगभग 12 कोरोना के केस आए हैं। कुछ लोगों को 80 टैबलेट मिले, कुछ को मिले ही नहीं। आरडब्ल्यूए के पास कोई ऐसा फंड नहीं होता है, जिससे वह खरीद कर लोगों को दवा खिलाएं।

अल्ट्रासाउंड-एक्सरे जांच से पहले कोरोना टेस्ट

- बलरामपुर अस्पताल में बढ़ी वेटिंग, मरीज परेशान

LUCKNOW (20 Aug): बलरामपुर अस्पताल में रेडियोलॉजी जांचों में भी कोरोना टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में मरीजों के अल्ट्रासाउंड-एक्सरेके लिए लाइन लंबी हो गई है। दूर-दराज से आने वाले मरीजों को दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है।

बलरामपुर अस्पताल 756 बेड का है। यहां कोरोना काल में मरीजों की संख्या आम दिनों की अपेक्षा घटी है। बावजूद इसके ओपीडी में मरीजों की भीड़ रहती है। ओपीडी में मेडिसिन के डॉक्टर अल्ट्रासाउंड, आर्थोपेडिक-चेस्ट के चिकित्सक मरीजों को एक्सरे लिख रहे हैं, मगर मरीजों को इन जांचों के लिए कोरोना टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है। कोरोना टेस्ट ट्रूनेट मशीन से एक घंटे व पीसीआर से 24 घंटे में हो रहा है। लिहाजा, रेडियोलॉजी जांच के लिए मरीजों को आठ से दस दिन का नंबर मिल रहा है। निदेशक डॉ। राजीव लोचन ने कहा कि अल्ट्रांसाउंड काफी नजदीक से करना होता है। ऐसे में स्टाफ में संक्रमण का खतरा है। लिहाजा, कोरोना टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है। इमरजेंसी केस में मरीजों की तत्काल जांच की जा रही है।

कोविड के नाम पर एलडीए में प्रवेश बंद

- वीडियो कॉल से डे अफसर से बात कराने की व्यवस्था से नहीं निकल रहा कोई हल

LUCKNOW : कोविड संक्रमण से बचने के नाम पर एलडीए में सैकड़ों आम लोगों के प्रवेश को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। लोग अपने छोटे-छोटे कामों के लिए भी दफ्तर के भीतर नहीं जा सकते हैं। दूसरी ओर अफसरों ने अपने मेज पर शीशे की केबिन बनवा लिए हैं। ताकि उन तक संक्रमण पहुंचने की कोई आशंका न रहे। जनता को वीडियो कॉल के नाम पर छला जा रहा है। गोमती नगर निवासी रमेश के भूखंड की रजिस्ट्री के लिए ओटीएस की कार्यवाही चल रही है। डी¨लग लिपिक ने उनको गुरुवार को बुलवाया था। उनकी बची हुई रसीदों की जांच के लिए जब वह एलडीए पहुंचे तो उनको सचिव एमपी सिंह के आदेश का हवाला देकर उनको अंदर नहीं आने दिया गया। इससे उनको बाहर ही रुकना पड़ा। बहुत मिन्नत करने के बाद एक परिचित कर्मचारी की मदद से वे अपना काम करवा सके। ऐसे सैकड़ों लोग पूरे दिन में एलडीए में परेशान हो रहे हैं।

Posted By: Inextlive