आधुनिक परिवेश और बिगड़ती लाइफ स्टाइल के चलते बड़ी संख्या में युवा भी दिल की बीमारी का शिकार हो रहे हैं जबकि पहले यह बीमारी 60 वर्ष से अधिक उम्र वालों में ही अधिक सामने आती थी। यह चौंकाने वाला खुलासा राजधानी के पीजीआई में की गई एक स्टडी से सामने आया है। इस स्टडी में पाया गया है कि वर्तमान समय में जिन युवाओं को दिल की बीमारी हो रही है उनमें से 80 फीसद में इस बीमारी के लक्षण ही नहीं दिखते हैं जबकि वे इस बीमारी का शिकार हो चुके होते हैं। यह स्टडी पीजीआई की कार्डियोलॉजी ओपीडी में आने वाले मरीजों पर की गई थी।

लखनऊ (ब्यूरो) । यूपी कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष व एसजीपीजीआई की कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ सतेंद्र तिवारी के मुताबिक आजकल कम उम्र के युवाओं में दिल की बीमारियां अधिक देखने को मिल रही हैं। हैरानी की बात तो यह है कि युवाओं को पता ही नहीं रहता है कि वे दिल की बीमारियां का शिकार हो गए हैं। इसका कारण यह है कि उन्हें इसकी लक्षणों का पता ही नहीं चलता है। वे घबराहट को दिल की बीमारी का लक्षण ही नहीं मानते हैं। समय से इलाज न कराने पर यह बीमारी बढ़ती जाती है।

लगातार बढ़ रहे मरीज
पीजीआई की ओपीडी में हर माह करीब 100 युवाओं में यह समस्या सामने आ रही है। हर माह हार्ट ओपीडी में आने वाले करीब 20 फीसद मरीजों में यह समस्या सामने आ रही है। इन सभी की उम्र 45 वर्ष से कम है। जबकि पहले यह कुल मरीजों की संख्या में सिर्फ 5 से 10 फीसद में ही देखने को मिलती थी।

बढ़ रहा हार्ट अटैक का खतरा
भागदौड़ भरी जिंदगी में युवा तनाव का शिकार हैं और शराब, तंबाकू आदि का सेवन कर रहे हैं। खराब लाइफस्टाइल उनको समय से पहले बीमार कर रही है। जिससे शरीर से निकलने वाले हार्मोन्स में असंतुलित हो रहे हैं और कम उम्र में ही दिल को ब्लड सप्लाई करने वाली धमनियों की सतह रफ हो रही है। जिससे आगे चलकर ब्लड क्लाटिंग की समस्या देखने को मिलती है और आगे चलकर हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। यही नहीं युवाओं की हार्ट की नसें भी खराब हो रही हैं।

इन लक्षणों का रखें ध्यान
- सांस लेने में दिक्कत
- अत्यधिक थकान
- गर्दन, जबड़े या पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द
- छाती या पेट में जलन
- दिल की धड़कन का अनियमित होना


इस तरह करें बचाव
- हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं
- धूम्रपान व शराब से दूर रहें
- नियमित योग व एक्सरसाइज करें
- बीपी व शुगर कंट्रोल में रखें
- फास्ट फूड व तला-भुना खाने से बचें


ओपीडी में हर माह 100 से अधिक मामले 45 वर्ष से कम उम्र के लोगों में देखने को मिल रहे हैं। यह काफी चिंताजनक बात है। युवाओं को दिल की बीमारी से बचने के लिए संतुलित जीवनशैली अपनानी चाहिए।
डॉ सतेंद्र तिवारी, एसजीपीजीआई

Posted By: Inextlive