सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा गरीब परिवारों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए महत्वाकांक्षी आयुष्मान योजना शुरू की गई। योजना में कैशलेस इलाज की सुविधा तो दी गई लेकिन अधिकारियों की लापरवाही की वजह से राजधानी में लाखों परिवारों के गोल्डन कार्ड नहीं बन पाये हैं। ऐसे में लाभार्थी योजना का फायदा नहीं उठा पा रहे हैं। योजना के तीन साल बीतने के बाद भी महज 30 फीसदी लाभार्थियों के कार्ड बन सके हैं। अफसरों के सुस्त रवैये को देखते हुए सीडीओ ने कड़ी फटकार लगाते हुए जवाब तलब किया है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही मेगा कैंप लगाकर गोल्डन कार्ड के लक्ष्य को पूरा किया जाएगा।

लखनऊ (ब्यूरो)।राजधानी में आयुष्मान भारत योजना के तहत 300 से ज्यादा सरकारी और निजी अस्पतालों में लाभार्थी फ्री इलाज की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं, लेकिन विभाग लक्ष्य से काफी पीछे चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो राजधानी में लक्ष्य 9 लाख 11 हजार गोल्डन कार्ड का बनाने का है जबकि अबतक महज 3 लाख 10 हजार लाभार्थियों के ही कार्ड बन सके हैं। यानि लक्ष्य के मुकाबले 30 फीसद ही कार्ड बने हैं। ऐसे में 6 लाख लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड कैसे बनेंगे यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है।

नोटिस जारी कर मांगा जवाब
अधिकारियों की सुस्ती के चलते गरीब लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं और इलाज में राहत का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसको लेकर समीक्षा बैठक की गई। जहां गोल्डल कार्ड की स्टेट्स रिपोर्ट और मामले को लेकर अधिकारियों की सुस्ती को देखते हुए सीडीओ द्वारा न केवल कड़ी फटकार लगाई बल्कि एसीएमओ को नोटिस जारी कर जवाब देने का निर्देश दिया है।


आयुष्मान योजना के लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बन सकें इसके लिए माइक्रो लेवल पर प्लान बनाया जा रहा है। अर्बन व रूरल दोनों जगहों पर मेगा कैंप लगाकर कार्ड बनाने का काम किया जायेगा।
डॉ मनोज अग्रवाल, सीएमओ

Posted By: Inextlive