- रमजान हेल्पलाइन पर रोजेदार कर रहे सवाल

LUCKNOW: अल्लाह ताला ने अपने बंदों को यह खास मौका दिया है कि उसके बंदे दिन में रोजा रखकर रातों में कयाम यानी नवाफिल और तरावीह की नमाज अदा करके उसके करीब हो जाए। उसकी रजा हासिल करें। तरावीह की नमाज सहाबाक्राम रजि। ने पाबंदी के साथ अदा की है। दूसरे खलीफा हजरत उमर रजि। ने अपने दौरे खिलाफत में बीस रकात तरावीह का एहतिमाम किया। तमाम सहाबा रजि। इस एहतिमाम में शरीक रहे। नबी पाक सल्ल। ने शाबान की आखिरी तारीखों में खास तौर पर रमजान की फजीलत बयान करते हुए फरमाया कि रमजान के रोजे तुम पर फर्ज किये जाते हैं और रात का कयाम तुम्हारे लिए सवाब की चीज है। एक मौके पर फरमाया कि जिसने रमजान के दिनों में रातों में कयाम किया, तरावीह की नमाज़ पढ़ी, ईमान की हालत में सवाब की उम्मीद पर तो अल्लाह आला उसके पिछले गुनाह माफ फरमा देता है। इसी माफी के लिए अल्लाह के नेक बंदे रमजान के चांद का बेसब्री से इंतजार करते हैं। चांद देखते ही लोग जहां रोजों के लिए तैयार होते हैं। वही तरावीह जैसी इबादत के लिए तैयार हो जाते हैं। बूढ़ों में भी एक शौक, जवानों में भी एक जौक और बच्चे भी पीछे नहीं हैं। अल्लाह ताला तरावीह की नमाज में कुरान के पढ़ने और सुन्ने की बरकत से तमाम गुनाहों को माफ कर दे और अपनी खास रहमत नाजिल फरमाये।

सुन्नी सवाल.जवाब

सवाल । क्या जकात की रकम से कोविड के मरीज का इलाज कराया जा सकता है।

जवाब । कराया जा सकता है।

सवाल । अगर रोजे में ऑक्सीजन की कमी हो जाये तो रोजा तोड़ सकते हैं।

जवाब । तोड़ सकते हैं। बाद में कजा करनी होगी।

सवाल । क्या एक मस्जिद में तरावीह की दो जमाअत हो सकती हैं।

जवाब । हो सकती हैं। शर्त यह है कि दोनों जमाअत आपसी इत्तिफाक से हो, इख्तिलाफ की बुनियाद पर दो जमाअत सही नहीं हैं।

सवाल । ऐतिकाफ में बैठने वाला शख्स अगर डॉक्टर है तो क्या वह मस्जिद में बैठ कर मरीज के लिए कुछ दवाई या नुस्खा लिख सकता है।

जवाब । जी हां, लिख सकता है।

सवाल । रमजान में कौन कौन से वजायफ (चीजें) ज्यादा पढ़ना चाहिए।

जवाब । नबी पाक सल्ल। का इरशाद है कि इस महीने में चार चीजों की कसरत करो। एक कल्मा का विर्द, दूसरे इस्तिगफार, तीसरे ज्यादा से ज्यादा जन्नत की तलब, चौथे जहन्नम से पनाह।

शिया सवाल.जवाब

सवाल । अगर कोई रोजेदार महिला रोजा रख कर किसी ना महरम व्यक्ति के साथ सफर करती है तो क्या उसका रोजा टूट जाएगा।

जवाब । ना महरम व्यक्ति के साथ सफर करने से रोजा नहीं टूटेगा।

सवाल । क्या मर्द के लिए सोना पहनना नमाज में हराम है।

जवाब । मर्द के लिए सोना पहनना इस्लाम में नमाज और नमाज के अलावा तमाम समय में हराम है।

सवाल । अगर नमाज मस्जिद में जमाअत से हो रही है और उसमें इमाम से पहले मामूम ने तकबीर भेज दी तो क्या उसकी नमाज सही होगी।

जवाब । अगर इमाम से पहले कोई काम पढ़ने वाला करता है तो नमाज सही नहीं होगी।

सवाल । इस्लाम में गीबत यानी किसी की बुराई करना के लिए क्या हुक्म है।

जवाब । इस्लाम में गीबत करना यानी किसी की बुराई करना बहुत बड़ा गुनाह है और रवायात में आया है कि जो इंसान गीबत करता है, गोया उसने अपने मरे हुए भाई का गोश्त खाया।

सवाल । कुरआन मजीद में वाजिब सजदे कितने हैं और किन सूरों में हैं।

जवाब । कुरआन मजीद में वाजिब सजदे चार सूरो में हैं। सूरह नजम, सूरह अलक, सूरह हामिम सजदा, सूरह फुस्सेलत।

फैमिली कोट

ताकि दुश्वारियों जिंदगी से चली जाएं

इफ्तार और नमाज के बाद हम लोग अल्लाह आला से यही दुआ करते हैं कि कोरोना नामक इस वबा का जल्द से जल्द खात्मा हो ताकि जो दुश्वारियां लोगों की जिंदगी में चल रही हैं वो सभी दूर हो जाएं। लोगों की जिंदगी में अमन व शांति रहे।

। जैसमिन खान

सुन्नी हेल्पलाइन

लोग अपने सवालात दोपहर 2 बजे से 4 बजे के दौरान इन नंबरों 9415023970 9335929670, 9415102947, 7007705774, 9140427677 औररEmail: ramzanhelpline.2005@gmail.com WWW.farangimahal

पर सवाल पूछ सकते है।

शिया हेल्पलाइन

महिलाओं के लिए हेल्पलाइन नंबर 6386897124 है जबकि शिया हेल्प लाइन के लिए सुबह 10 से 12 बजे तक 9415580936, 9839097407 नंबर पर संपर्क करें।

Posted By: Inextlive