प्रदेश में मौजूद रिसोर्स को डेवलपमेंट की मेन स्ट्रीम में लाने के लिए लखनऊ यूनिवर्सिटी के भूगर्भ विज्ञान विभाग ने एक प्रोजेक्ट तैयार कर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा विभाग को भेजा है। जिसमे उपलब्ध संसाधनों का व्यवस्थित तरीके से उपयोग कर प्रदेश को आत्मनिर्भर उत्तरप्रदेश बनाया जा सकता है।

लखनऊ (ब्यूरो)। रिसोर्स मैनेजमेंट के मामले में यूपी देश मे दूसरे स्थान पर है। 125 करोड़ से अधिक आबादी वाले देश में दुनिया के कई देश बसते हैं। आबादी के मामले में यूपी की जनसंख्या विश्व के कई देशों से अधिक है। ऐसे में रिसोर्स मैनेजमेंट के मामले में यूपी देश मे दूसरे स्थान पर है। हमारे प्रदेश में मुख्य रूप से कृषि, पानी और मिनरल रिसोर्स के रूप में है। विभाग के मुताबिक इनमे अभी मिनरल पर काम नही हुआ है। उत्तराखंड के यूपी से जाने के बाद क्या संभावनाएं हैए जिनके बेहतर इस्तेमाल से प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है।

बालू का दूसरे राज्यों को सप्लाई कर बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता

भूगर्भ विज्ञान विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो। विभूति राय का कहना है कि हमारे प्रदेश में गंगा।यमुना के मैदान से निकलने वाले बालू का कामर्शियल तौर पर दूसरे राज्यों को सप्लाई कर बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है। इसी तरह ईस्ट साउथ यूपी में सोनभद्र, डाला, चोपन जैसे इलाकों में सीमेंट फैक्ट्री शुरू की जा सकती है। यहां तकरीबन 2000 साल तक सीमेंट बनाने का मैटेरियल उपलब्ध है। लाल पत्थर यहाँ भी हैं। पत्थर तराशने से लेकर बिल्डिंग स्टोन तैयार किये जा सकते हैं। इसी तरह बुंदेलखंड में मिनरल और पालिश ग्रेनाइट निकाला जा सकता है। हमारे यहां जो भी रिसोर्स उपलब्ध है उसके बदले में अन्य राज्यों से हम वो सारी चीजें पा सकतें, जिनका हमे आयात करना पड़ता है। लेकिन इसके लिए हमे अपनी परिवहन व्यवस्था मजबूत करनी होगी। हमे टेक्नोलॉजी का भी बेहतर उपयोग करना होगा। प्रो राय का मानना है कि हमारा अपना सैटेलाइट होना चाहिए, जिससे बाढ़ जैसी समस्याओं से समय रहते बचा जा सकता है। प्रो राय का कहना है कि आत्मनिर्भर उत्तरप्रदेश को लेकर एक प्रोजेक्ट तैयार कर भेजा गया है। प्रस्ताव के स्वीकृति होते ही इस दिशा में कार्य शुरू किया जाएगा।

Posted By: Inextlive