वीसी डॉ. बिपिन पुरी ने बताया कि केजीएमयू में एमबीबीएस की 250 और बीडीएस की 70 सीटों पर छात्रों को प्रवेश दिया जाता है। पर संस्थान में ऐसे कई छात्र हैं जो 20-22 वर्ष बीतने के बावजूद अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाये हैं।


लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू में एमबीबीएस का एग्जाम पास न करने के बावजूद वर्षों से जमे मेडिकोज को अब बाहर का रास्ता दिखाया जायेगा। ये वे छात्र हैं जो 20 साल बीतने के बाद भी अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाये हैं। इसके लिए नेशनल मेडिकल कमीशन के नियमों को सख्ती के साथ लागू करने की तैयारी चल रही है। यह जानकारी शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान वीसी डॉ। बिपिन पुरी ने दी।कठोर फैसला लेने को मजबूर
वीसी डॉ। बिपिन पुरी ने बताया कि केजीएमयू में एमबीबीएस की 250 और बीडीएस की 70 सीटों पर छात्रों को प्रवेश दिया जाता है। पर संस्थान में ऐसे कई छात्र हैं जो 20-22 वर्ष बीतने के बावजूद अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाये हैं। ऐसे करीब 37 छात्रों को चिन्हित किया गया है। हैरानी की बात यह है कि इसमें कई छात्रों की शादी और बच्चे तक हो चुके हैं, पर इसके बावजूद वे अभी तक अपनी पढ़ाई पूरी करने की जद्दोजहद में लगे हैं। इन छात्रों को कई मौके दिए गये पर वे एग्जाम पास करने में सफलता नहीं हासिल कर पाए। जिसके बाद इन छात्रों के अनुरोध पर एक समिति का गठन भी किया गया, जिसके तहत ये छात्र पास हों सकें इसके लिए एक्स्ट्रा क्लास तक लगवाई गईं, पर इसके बावजूद कोई फायदा नहीं मिला। एनएमसी के नियमों के अनुसार, जो छात्र 4 साल तक फेल हों, उनको कॉलेज से निकाला जा सकता है। ऐसे में, केजीएमयू इन छात्रों के लिए कठोर फैसला लेने को मजबूर है।वीसी ने गिनाई उपलब्धियांकेजीएमयू और टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के साथ करार किया, जिसके तहत केजीएमयू के पांच छात्र वहां और वहां के 10 छात्र यहां आएंगे। डेंटल विंग की नई बिल्डिंग में भी अब ओपीडी पर्चा बनेगा। कई विभागों में पीजी की सीटों समेत डेंटल के हर विंग में दो-दो सीटें बढ़ी हैं। कैंसर मरीजों का सही आंकड़ा जुटाया जायेगा। साथ ही, फॉलोअप के लिए टेलीमेडिसिन की मदद ली जायेगी। वहीं, केजीएमयू को मंकीपॉक्स की जांच के लिए नोडल सेंटर भी बनाया गया है।

Posted By: Inextlive