फेफड़ों से जुड़ी समस्या का पूरी तरह पता लगाने के लिए पल्मोनरी एक्सपर्ट द्वारा ब्रांकोस्कोपी की जाती है।जिसके तहत टीबी लंग कैंसर व ट्यूमर समेत अन्य जांच व ऑपरेशन किए जाते हैं। इसे लेकर एसजीपीजीआई में अब एडवांस और स्टेट ऑफ दी हार्ट ब्रांकोस्कोपी लैब शुरू की जाएंगी।

लखनऊ (ब्यूरो)। एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो आरके धीमन ने बताया कि संस्थान में एडवांस ब्रांकोस्कोपी लैब बनाई जा रही है। यहां लंग कैंसर से लेकर ट्यूमर तक की जांच और इलाज किया जाएगा। इससे फेफड़ों से संबंधित मरीजों को सर्वाधिक राहत मिलेगी। लैब 8 से 10 दिनों में शुरू हो जाएगी।एक ही जगह हर सुविधा पल्मोनरी विभाग के डॉ जिया हाशिम ने बताया कि संस्थान में ब्रांकोस्कोपी लैब बनाई जा रही है। हालांकि लैब पहले से ही है लेकिन अब इसे पूरी तरह एडवांस बनाया जा रहा है। जिससे सभी काम एक ही जगह हो जाएंगे। इंटरवेंशन से लेकर ओटी तक का काम एक ही जगह होगा। इससे मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा। यही नहीं समय रहते ही उनका इलाज भी किया जा सकेगा।

कैसे होती है जांच
एक पतली ट्यूब जिसे ब्रांकोस्कोपी कहते हंै, उसे मुंह या नाक से गले के अंदर डाला जाता है
इसका उपयोग बलगम या फिर गले व फेफड़ों से ऊतकों का सैंपल भी लेने के लिए किया जाता है
जिसकी बाद में जांच की जाती है
जिससे पता चल सके कि कैंसर है या नहीं
इससे यह भी पता चल जाता है कि कैंसर कितना फैला हुआ है

संस्थान में एडवांस ब्रांकोस्कोपी लैब शुरू की जा रही है इससे फेफड़े संबंधित सभी जांच और इलाज एक ही जगह पर हो जाएगा और मरीजों को फायदा मिलेगा।
प्रो आरके धीमन, निदेशक पीजीआई

Posted By: Inextlive