मरीजों के इलाज के लिए विभाग द्वारा रोजाना करीब 15-20 लीटर काढ़ा तैयार किया जाता है जिसे कई प्रकार की खास जड़ी-बूटियों से तैयार किया जाता है। हर 15 मरीज पर पांच लीटर काढ़े का प्रयोग किया जाता है।


लखनऊ (ब्यूरो)। आयुर्वेदिक काढ़े की खूबियों से तो हर कोई परिचित है। कोरोना वायरस की लहर के दौरान इम्युनिटी बढ़ाने के लिए लोगों ने काढ़े का सर्वाधिक प्रयोग किया था। यही काढ़ा अब सिंकाई के जरिए जोड़ों या शरीर का दर्द दूर करने के भी काम आएगा। यह प्रक्रिया राजधानी के लोकबंधु अस्पताल में अपनाई जा रही है, जहां बड़ी संख्या में मरीजों को दर्द में राहत मिली है।मरीजों को मिल रहा फायदा


एमएस डॉ। अजय शंकर त्रिपाठी के मुताबिक, अस्पताल के पंचकर्म विभाग के तहत काढ़ा से सिंकाई पद्धति के तहत उपचार किया जाता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें दवा लेने की जरूरत नहीं पड़ती है। सरकारी में यह एकलौता अस्पताल है जहां इस विधि से उपचार किया जाता है। इसके तहत 5-7 दिनों तक सिंकाई की जाती है, जो 15-20 मिनट तक की जाती है। इस पद्धति से रोजाना 20-25 लोगों की सिंकाई की जा रही है, जिनको जोड़ों और अन्य दर्द में काफी राहत मिली है। सबसे ज्यादा बुजुर्ग मरीज इसके लिए आते है, जिनको काफी फायदा मिला है।रोजाना तैयार होता है काढ़ा

मरीजों के इलाज के लिए विभाग द्वारा रोजाना करीब 15-20 लीटर काढ़ा तैयार किया जाता है, जिसे कई प्रकार की खास जड़ी-बूटियों से तैयार किया जाता है। हर 15 मरीज पर पांच लीटर काढ़े का प्रयोग किया जाता है। मरीज को पहले एक बेड पर लिटा दिया जाता है। उसके बाद गर्दन से पांव तक एक लकड़ी के खांचे से उसको ढक दिया जाता है, जिसके बाद काढ़ा का भाप दिया जाता है। वहीं, अगर जोड़ों में दर्द है, तो उस पर स्प्रे भी किया जाता है, जिससे मरीजों को दर्द में काफी राहत मिलती है। पंचकर्म के तहत काढ़ा से सिंकाई की जाती है, जिससे जोड़ों व अन्य दर्द में राहत मिलती है। कई मरीजों को इसका लाभ मिल चुका है।- डॉ। अजय शंकर त्रिपाठी, एमएस, लोकबंधु अस्पताल

Posted By: Inextlive