किसी भी तरह की घटना या दुर्घटना में शुरुआती एक घंटा बेहद अहम रहता है जिसे गोल्डन आवर्स भी कहा जाता है. इसे ध्यान में रखते हुए केजीएमयू स्पेशल पीडियाट्रिक्स ट्रॉमा सर्विस शुरू करने जा रहा है. इसके तहत डॉक्टरों की टीम दुर्घटना स्थल तक पहुंचेगी. इससे बच्चे को समय रहते सही इलाज देकर उसकी जान बचाई जा सकेगी. यह टीम केजीएमयू के पांच किलोमीटर के दायरे में अपना काम करेगी. अधिकारियों के मुताबिक इसके लिए प्रपोजल बनाकर भेजा जा चुका है।

लखनऊ (ब्यूरो)। किसी भी तरह की दुर्घटना में बड़ों के मुकाबले बच्चों में चोटें काफी गहरी और नाजुक होती हैं। ऐसे में उनको अधिक चिकित्सीय सुविधाओं की जरूरत होती है। केजीएमयू वीसी डॉ। बिपिन पुरी के मुताबिक बच्चों को लेकर संस्थान काफी काम कर रहा है। उसी के तहत संस्थान जल्द ही पीडियाट्रिक ट्रॉमा सर्विस की शुरुआत करने वाला है। इसके तहत डॉक्टरों की एक टीम मौके पर पहुंच कर बच्चों को इलाज उपलब्ध करायेगी।


बच्चों से जुड़े डॉक्टर होंगे शामिल
वीसी डॉ। पुरी के मुताबिक बच्चों को लेकर बनाई जा रही टीम में पीडियाट्रिशियन, पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक, न्यूरो, सर्जन समेत अन्य डॉक्टर और स्टाफ की टीम बनाई जायेगी। इसके लिए इमरजेंसी मेडिसिन विभाग से भी तालमेल रखा जायेगा ताकि समय रहते कौन सी दवा और क्या इलाज दिया जाना चाहिए इसके बारे में तय किया जा सके। साथ ही समय रहते उनको ट्रॉमा सेंटर तक लाया जा सके। डॉक्टर ट्रॉमा से दुर्घटना स्थल तक जाने और वहां से बच्चों को लाने तक में अपना सहयोग देंगे।


ट्रैफिक पुलिस से लेंगे सहयोग
डॉक्टर्स की टीम समय रहते दुर्घटना स्थल पर पहुंच सके इसके लिए ट्रैफिक पुलिस से भी सहयोग लिया जायेगा। इसके तहत ग्रीन कॉरिडोर की तर्ज पर रूट तय किया जायेगा, जिसमें ट्रैफिक विभाग का अहम रोल होगा। इसके लिए जल्द ही उनके साथ बैठक की जाएगी।

प्रपोजल भेजा गया
वीसी ने बताया कि बच्चों तक यह सुविधा पहुंचाने के लिए एक प्रपोजल बनाकर शासन में भेजा गया है। जैसे ही इसके लिए मंजूरी मिल जाएगी तुरंत ही टीम का गठन करते हुए काम शुरू कर दिया जाएगा।

दुर्घटना स्थल पर बच्चों को चिकित्सीय सुविधा के लिए पीडियाट्रिक ट्रॉमा सर्विस की शुरुआत करने जा रहे हैं। ताकि कम से कम समय में बच्चों की मदद की जा सके।

डॉ। बिपिन पुरी, वीसी केजीएमयू

Posted By: Inextlive