- आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित डायग्नोसिस टूल तैयार करेंगे केजीएमयू-एकेटीयू

LUCKNOW : एकेटीयू और केजीएमयू संयुक्त रूप से एक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस मॉडल डेवलप करने जा रहे हैं, जिससे कोरोना मरीजों की पहचान की जा सकेगी। इस मॉडल में जांच के लिए एक्स-रे इमेज का यूज किया जाएगा। यह जानकारी शनिवार को एकेटीयू के वीसी प्रो। विनय कुमार पाठक और केजीएमयू के वीसी प्रो। एमएलबी भट्ट ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से दी है।

कई देशों में हो रहा प्रयास

प्रो। विनय कुमार पाठक ने बताया कि कंप्यूटर विजन की मदद से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित मॉडल में मेडिकल इमेज का यूज कोरोना मरीजों की पहचान के लिए किया जा सकता है। इस दिशा में अमेरिका, ब्रिटेन, चीन समेत कुछ देशों में रिसर्च किए जा रहे हैं। सटीक सिस्टम विकसित करने के लिए सही डेटाबेस महत्वपूर्ण है। प्रस्तावित रिसर्च में कोरोना मरीजों के चेस्ट एक्स-रे का डाटा शामिल रहेगा।

हो सकेगी पहचान

प्रो। विनय कुमार पाठक ने बताया कि इस मॉडल से कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों की पहचान भी हो सकेगी। कोरोना मरीजों के चेस्ट एक्स-रे या सीटी स्कैन का सामान्य व्यक्ति, फ्लू पेशेंट, निमोनिया पेशेंट आदि के चेस्ट एक्स-रे से एनालाइज किया जाएगा। माडल के स्वचालित वर्गीकरण के लिए डीप लर्निग सीएनएन नेटवर्क का भी यूज किया जाएगा।

केजीएमयू देगा डाटा

केजीएमयू वीसी प्रो। एमएलबी भट्ट ने बताया कि इस काम के लिए केजीएमयू कोविड 19 एवं नान कोविड 19 मरीजों का डाटा उपलब्ध कराएगा। एकेटीयू के वैज्ञानिक मशीन लर्निग और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से माडल विकसित करेंगे। इस अनुसंधान का मुख्य उद्देश्य ऐसी आसान स्टैंडअलोन प्रणाली डेवलप करना है जो आसानी से कोरोना रोगियों की पहचान कर सके।

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ये संस्थान भी करेंगे सहयोग

प्रो। पाठक ने बताया कि इस आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टूल को विकसित करने के लिए कई और संस्थान भी मदद करेंगे। इसमें यूपी आयुर्विज्ञान यूनिवर्सिटी, सैफई, राजकीय मेडिकल कॉलेज, कोटा, सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज, आगरा शामिल हैं। वहीं कई इंटरनेशनल लैब के सहयोग से इस संयुक्त अनुसंधान को सफल बनाया जाएगा।

Posted By: Inextlive