6 साल से गरीब बच्चों को खिला रही हैं खाना

400 लोगों को रोज खाना खिलाया कोरोना काल में

140 महिलाओं को सिखा चुकीं सिलाई-कढ़ाई

- रोज 200 गरीब बच्चों को खिला रहीं खाना

- लड़कियों व महिलाओं को बना रहीं आत्मनिर्भर

anuj.tandon@inext.co.in

LUCKNOW:

गोमती नगर निवासी शोभा ठाकुर करीब 6 साल से मलिन बस्तियों में रहने वाले बच्चों का पेट भरने का काम कर रही हैं। इसके साथ ही वह गरीब महिलाओं और लड़कियों को आत्मनिर्भर भी बना रही हैं। एक छोटी सी शुरुआत के साथ आज वे करीब 200 बच्चों को रोज भोजन उपलब्ध करा रही हैं। उनका कहना है कि उनके कार्य से आई बच्चों के चेहरे पर खुशी ही उनकी असली सफलता है।

मां से मिली समाजसेवा की प्रेरणा

शोभा ठाकुर ने बताया कि उन्हें समाजसेवा की प्रेरणा मां से मिली। उन्होंने शुरुआत में घर के आसपास जो बच्चे कूड़ा बीनने आते थे, उन्हें बिस्किट और पानी देना शुरू किया। धीरे-धीरे बच्चों की संख्या बढ़ी तो उन्हें खाना देने का काम प्रारंभ किया गया। शोभा बताती हैं कि करीब 6 साल से हर संडे को वे गरीब बच्चों को खाना खिलाने का काम करती थीं। इन बच्चों को देने के लिए खाना भी वे खुद बनाती हैं। बच्चों को खाने में तहरी, छोला-चावल, कढ़ी-चावल आदि दिया जाता है। ओमेक्स सिटी के पीछे की बस्तियों में यह काम आज भी जारी है।

मेरे लिए खुशी की बात

शोभा बताती हैं कि एक दिन कुछ बच्चों ने उनसे कहा कि वे रोज उन्हें खाना क्यों नहीं देती हैं तो उसी दिन उन्होंने तय किया कि वे अब रोज इन बच्चों का पेट भरने का काम करेंगी। उस दिन से आज तक वे हर रोज इन बच्चों को खाना खिला रही हैं। वे कहती हैं कि खाना खाकर बच्चे खुश होते हैं तो उन्हें लगता है, मेरी मेहनत सफल हो गई।

कोविड में सिलसिला थमा नहीं

शोभा ठाकुर ने बताया कि जब कोरोना संक्रमण फैला तो उस समय पति सचिन ठाकुर ने खतरे को देखते हुए खाना बांटने से मना किया। उन्हें डर था कि घर में बच्चे इससे संक्रमित न हो जाएं। इसके बाद भी मैंने अपना यह काम रोका नहीं। डॉकडाउन के दौरान बच्चों के पैरेंट्स को भी खाना खिलाया। लॉकडाउन के दौरान तो कई बार 400 तक लोगों को एक दिन में खाना खिलाया। जब लोग पूछते हैं कि तुम ये सब कैसे कर लेती हो तो मैं उनसे बस यही कहती हूं, ये सब मां अन्नपूर्णा और साई बाबा की कृपा से हो रहा है।

बाक्स

बना रहीं आत्मनिर्भर

शोभा ठाकुर बताती हैं कि वे गोमती नगर में साईदीप फाउंडेशन के नाम से गरीब महिलाओं व लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिलाई-कढ़ाई, कंप्यूटर व ब्यूटीशियन का काम सिखाने का काम शुरू कर चुकी हैं। इसके लिए गांव-गांव जाकर उन्होंने सर्वे किया और लोगों को समझाया कि महिलाओं को काम सिखाओ ताकि वे अपने पैरों पर खड़ी हो सकें। मेरे इस मिशन से अब तक 140 महिलाएं जुड़ चुकी हैं।

Posted By: Inextlive