द्यह्वष्द्मठ्ठश्र2@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ रुष्टयहृह्रङ्ख: भारत में आर्गन डोनर और आर्गन रिसीवर के बीच बहुत बड़ा अंतर है जिसे दूर करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है. इसे लेकर पीजीआई निदेशक की पहल के बाद अब प्रदेश में

- डीएल के लिए आवेदन करने वालों को इसे अनिवार्य रूप से भरना होगा

द्यह्वष्द्मठ्ठश्र2@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

रुष्टयहृह्रङ्ख: भारत में आर्गन डोनर और आर्गन रिसीवर के बीच बहुत बड़ा अंतर है, जिसे दूर करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसे लेकर पीजीआई निदेशक की पहल के बाद अब प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए आर्गन डेनेशन का आप्शन अनिवार्य रूप से भरना होगा। जिससे जरूरतमंदों को आर्गन की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा सके। इसका लाखों लोगों को फायदा मिलेगा।

निदेशक की पहल को मंजूरी

भारत में प्रतिवर्ष करीब 4.5 लाख सड़क हादसों में करीब 1.5 लाख लोगों की मौत होती है। आर्गन डोनेशन पॉलिसी के अभाव को देखते हुए पीजीआई निदेशक प्रो। आरके धीमन की पहल पर सोटो उत्तर प्रदेश के नोडल ऑफिसर डॉ। राजेश हर्षवर्धन ने इस प्रपोजल को परिवहन विभाग के सामने रखा। परिवहन आयुक्त धीरज साहू और अवर परिवहन आयुक्त देवेंद्र कुमार ने इसे सहमति देते हुए शासकीय आदेश जारी किए हैं। अब लाइसेंस के लिए ही आवेदन भरते समय मृत्यु की स्थिति में स्वेच्छा से अंगदान का कॉलम अवश्य भरना होगा। इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल पर भी बदलाव किए गए हैं।

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लाइसेंस पर दिखेगा लाल रंग

नए आवेदन के तहत बने स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस पर लाल रंग का चिन्ह दिखेगा। जो अंग प्रदाता स्थिति को दिखाएगा। जिसमें सड़क दुर्घटना में मृत्यु होने पर मृतक के अंगों को विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के आधार पर ट्रेंड ग्रीव काउंसलर द्वारा प्रत्यारोपण के लिए हार्वेस्ट किया जा सकता है।

Posted By: Inextlive