- चोरी व कबाड़ ऑटो के फर्जी कागज तैयार कर बेचने वाले गैंग के , सात मेंबर अरेस्ट

- 11 ऑटो रिक्शा, दो फर्जी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, आरसी बनाने के पेपर व कंप्यूटर बरामद

LUCKNOW:

चोरी या अपने रजिस्ट्रेशन की मियाद पूरी कर चुके कबाड़ ऑटो रिक्शा के फर्जी पेपर तैयार कर उन्हें बेचने वाले गैंग का विभूतिखंड पुलिस ने राजफाश कर दिया। पुलिस ने गैंग के मास्टरमाइंड समेत सात आरोपियों को अरेस्ट करते हुए उनके कब्जे से 11 ऑटो रिक्शा, दो फर्जी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, आरसी बनाने के पेपर, स्कैनर, कंप्यूटर व अन्य सामग्री बरामद की है।

कई रूट पर चल रहे थे ऑटोरिक्शा

डीसीपी ईस्ट चारू निगम ने बताया कि बीते कई दिनों से सूचना मिल रही थी कि राजधानी में ऐसा गैंग एक्टिव है तो कबाड़ हो चुकी ऑटोरिक्शा को कबाड़ कारोबारियों से खरीदकर उनके नये फर्जी कागज बनाकर ज्यादा दामों पर बेच रहा है। इसके अलावा यह गैंग चोरी की ऑटोरिक्शा को भी खरीदकर उनके फर्जी कागज तैयार कर बेच रहा है। पता चला कि ऐसी बहुत से ऑटो रिक्शा हैं, जिन पर फर्जी नंबर अंकित हैं। इन ऑटो रिक्शा के पास परमिट भी नहीं और यह चारबाग से कैसरबाग, इंदिरानगर से बीबीडी और बीबीडी से गोमतीनगर आदि रूटों पर चल रहे हैं। इस सूचना के बाद विभूतिखंड इंस्पेक्टर और उनकी टीम ने शहर के तमाम इलाकों में लगे सीसीटीवी कैमरों से ऑटो रिक्शा की निगरानी शुरू की।

कबाड़ ऑटो बेचने जाते धरा गया

इसी बीच सोमवार को सूचना मिली कि कबाड़ ऑटो रिक्शा के फर्जी कागज तैयार कर व उस पर फर्जी नंबर डालकर गैंग का मास्टरमाइंड ऐसा ही ऑटो रिक्शा बेचने जा रहा है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम ने वेव सिनेमा के पास ट्रैप लगाया और ऐसा ऑटो रिक्शा ले जा रहे मो। असलम को दबोच लिया। असलम से पूछताछ में पूरे गोरखधंधे का खुलासा हो गया। उसकी निशानदेही पर पुलिस टीम ने उसके गैंग में शामिल पारा निवासी राघवेंद्र सिंह, इंदिरानगर निवासी राममोहन सोनी, हरदोई निवासी नागेंद्र मिश्रा, वेद प्रकाश यादव, संजय कुमार और अभिषेक सिंह को अरेस्ट किया।

ऑटो चुराने का नायाब फॉर्मूला

एसीपी स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ में कुबूल किया है कि वे लोग ऑटो रिक्शा चोरी करने के लिये दो गैंग मेंबर ग्राहक बनकर कोई ऑटो बुक कर लेते थे और उस ऑटो ड्राइवर से किसी खास जगह पर सामान उठाने के लिये कहते। वहां पहुंचने पर वे ड्राइवर को भी सामान उठाने के लिये मदद करने के बहाने बुलाते, इसी बीच उनके गैंग का तीसरा मेंबर उस ऑटो रिक्शा को लेकर चंपत हो जाता था। इसके बाद इनका एक अन्य साथी ऑटो लेकर वहां पहुंच जाता और सहानुभूति दिखाते हुए उसे अपने ऑटो में बिठाकर उसे उलटी दिशा में ऑटो तलाशने के नाम पर घुमाता रहता। इस दौरान चोरी कर भागा उनके गैंग का मेंबर ऑटो रिक्शा को लेकर सुरक्षित स्थान पर पहुंच जाता।

आरटीओ कर्मियों से मिलीभगत

आरोपियों ने फर्जी कागज तैयार करने के बारे में बताया कि उनके गैंग में 15 मेंबर हैं। पहले चरण में वे लोग 15 साल पुराने ऐसे ऑटो, जिनका रजिस्ट्रेशन आरटीओ ऑफिस से खत्म हो चुका है और वे कबाड़ घोषित किये जा चुके हैं, उन्हें गैर कानूनी ढंग से कबाड़ कारोबारियों से खरीद लेते। इसके बाद वे आरटीओ दफ्तर के कर्मचारियों से मिलीभगत कर आरसी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के पेपर ले लेते और उन्हें अपने कंप्यूटर स्कैनर से स्कैन कर फर्जी कागज तैयार कर लेते थे।

Posted By: Inextlive