- दहशत कायम करने के लिए चलाता था अंधाधुंध गोलियां

- हर वारदात के बाद छोड़ देता था शहर, असम, बड़ोदरा, नेपाल व गुजरात में बनाता था ठिकाना

- शराब व स्मैक के नशे का लती थी, नशे के चलते बना था शातिर लुटेरा

LUCKNOW: कृष्णानगर के आरके ज्वैलर्स में पिछले वर्ष डकैती की वारदात को अंजाम देकर दो की हत्या करने वाले मोस्ट वांटेड अपराधी टिंकू कपाला को यूपी एसटीएफ ने शुक्रवार रात बाराबंकी में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया। उस पर एक लाख का इनाम घोषित था। वह यूपी, गुजरात और महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में आतंक का पर्याय बना हुआ था।

22 से ज्यादा मामले हैं दर्ज

चौक के निवाजगंज स्थित दिलाराम बरादारी मोहल्ले का रहने वाला टिंकू कपाला उर्फ कमल किशोर के खिलाफ डकैती, लूट, हत्या, हत्या के प्रयास व आ‌र्म्स एक्ट समेत अन्य संगीन धाराओं में चौक समेत कई थानों में 22 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। लंबे समय से पुलिस व एसटीएफ को उसकी तलाश थी। शुक्रवार रात एसटीएफ ने लखनऊ बाराबंकी सीमा सतरिख पर एनकाउंटर में एक लाख के इनामी टिंकू कपाला को मार गिराया।

पहले गोली फिर लूट की करता था वारदात

टिंकू कपाला को पकड़ने के लिए लखनऊ पुलिस दो साल से जाल बिछाए हुई थी। उसे पकड़ने के लिए शहर के कई पुलिस अफसर लगातार काम रहे थे। उनके अनुसार टिंकू कपाला इतना खतरनाक व शातिर था कि जहां पर वह लूट की वारदात को अंजाम देने जाता था वहां पहुंचते ही लोगों को दहशत में लेने के लिए अंधाधुंध फायर करता था। इससे लोग दहशत में आ जाएं और लूटपाट का विरोध न कर सकें। वह टारगेट कर किसी की हत्या नहीं करता था, लेकिन उसकी अंधाधुंघ फायरिंग की वजह से ही कई लोगों की जान जा चुकी है।

नशे की लत ने बना दिया शातिर लुटेरा

टिंकू को उसकी नशे की लत ने लुटेरा बना दिया। पुलिस अफसरों का कहना है कि शुरुआती दिनों में वह राह चलते लोगों से नशे की लत पूरी करने के लिए मामूली रकम लूट लेता था। विरोध पर वह उन्हें तमंचा सटा देता था और जरूरत पड़ने पर फायर भी कर देता था। नशे की लत और आसानी से पैसा मिलने लगा तो उसने बड़ी वारदात को अंजाम देना शुरू कर दिया।

1998 में जरायम की दुनिया में रखा था कदम

अधिकारियों के मुताबिक टिंकू कपाला उर्फ कमल किशोर उर्फ हेमंत कुमार उर्फ संजय उर्फ मामा शातिर किस्म का अपराधी था। वर्ष 1998 में उसने वजीरगंज में लूट की वारदात को अंजाम दे जरायम की दुनिया में कदम रखा था। इसके बाद उसके गुनाहों की फेहरिस्त लंबी होती चली गई।

कई प्रदेश में वारदात को दे चुका अंजाम

वह बड़ी वारदात करके अंडरग्राउंड हो जाता था। उसने यूपी के अलावा गुजरात और महाराष्ट्र में भी डकैती व लूट की बड़ी वारदातें की। उसके खिलाफ गुजरात के बड़ोदरा और महाराष्ट्र के पुणे में भी उसके खिलाफ केस दर्ज हैं।

इन बड़ी वारदात को दिया था अंजाम

- अक्टूबर 2014 में टिंकू कपाला ने पत्‍‌नी श्वेता, श्मशेर सिंह व अन्य साथियों के साथ मिलकर पुणे के लोनी गृह प्राइवेट लिमिटेड ज्वैलर्स के यहां एक करोड़ की लूट की थी।

- गोरेगांव पार्क में पीएमजे जेम्स ज्वैलर्स के यहां पांच करोड़ की लूट की।

- जून 2015 में गुजरात के वड़ोदरा में कल्याण ज्वैलर्स के यहां टिंकू कपाला ने 60 लाख की लूट की।

- नेपाल के धनगढ़ी में फरवरी व मार्च 2017 में दो किग्रा व एक किग्रा सोने की लूट हुई

- 2019 में कृष्णानगर के आरके ज्वैलर्स के डकैती डाली, अंधाधुंध फायरिंग कर दो लोगों की हत्या की

टिंकू कपाला पिछले कई वर्षो से पुलिस से बच रहा था। उसके पीछे कारण था कि हर बड़ी वारदात को अंजाम देने के बाद वह शहर छोड़ देता था। वारदात के पास वह असम, गुजरात, महाराष्ट्र व नेपाल में शरण लेता था। वहां पर आम आदमी की तरह किराए पर मकान लेकर छोटा मोटा काम व नौकरी करता था। पुलिस अफसरों का कहना है कि वह साल में एक बड़ी वारदात को अंजाम देता था और फिर शहर छोड़ देता था। यहीं कारण था कि वह लंबे समय से पुलिस के शिकंजे से बच रहा था।

- इसके अलावा लूट, हत्या, हत्या के प्रयास के कई मामले चौक व अन्य थानों में दर्ज हैं

आखिर बार गुजरात से पकड़ा गया था

पुलिस अफसरों के अनुसार टिंकू कपाल को आखिरी बार जून 2015 में गुजरात के बड़ोदरा शहर से पकड़ा गया था। बड़ोदरा के कल्याण ज्वैलर्स के यहां अपने तीन साथियों के साथ लूट की वारदात को अंजाम देने गया था। लूट की वारदात को अंजाम देकर भागते समय उसका एक साथी शराब के नशे में गिर गया था और मौके पर पकड़ा गया था, जिसके बाद पुलिस ने कपाल को गिरफ्तार किया था।

वारदात के बाद छोड़ देता था शहर

Posted By: Inextlive