- ऑटोनॉमस होने के कारण पीजीआई और आरएमएल में दवा का टोटा

LUCKNOW: ब्लैक फंगस की बीमारी को लेकर लोगों में भय बढ़ता जा रहा है। महामारी के दौरान जिस प्रकार दवाओं से लेकर ऑक्सीजन सिलेंडर, इंजेक्शन की कालाबाजारी देखने में आई उससे सबक लेते हुए सरकार ने ब्लैक फंगस बीमारी के इंजेक्शन को खुद ही बांटना शुरू किया है। इसके बाद भी लोगों को इंजेक्शन नहीं मिल रहा है। आलम यह है कि इम्फो टेरोसिन इंजेक्शन मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध नहीं है वहीं पीजीआई और आरएमएल में भी इसकी किल्लत बनी हुई है।

पीजीआई को भी नहीं मिल रहा इंजेक्शन

राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल और संजय गांधी पीजीआई ऑटोनॉमस होने के कारण अपनी जरूरत की दवाएं एचआरएफ के तहत खुद ही खरीदते हैं ताकि मरीजों को कंपनी रेट से भी कम दाम पर इंजेक्शन व दवाएं उपलब्ध कराई जा सके, लेकिन सरकार द्वारा एम्फो टेरोसिन बी इंजेक्शन देने की वजह से सिपला कंपनी से इन हॉस्पिटल को दवा की आपूर्ति नहीं कर पा रही है।

सरकार कंपनी से खरीद रही इंजेक्शन

ब्लैक फंगस के मरीज को चार से 6 हफ्तों तक एम्फो टेरोसिन बी इंजेक्शन दिया जाता है। यह इंजेक्शन कम से कम 10 दिनों तक मरीज को दिया जाता है। इस दवा का निर्माण सिपला कंपनी करती है, जिससे राज्य सरकार ने सीधा खरीद शुरू कर दिया है। वहीं सरकार अपने स्तर पर निर्धारित ब्लैक फंगस का इलाज करने वाले अस्पतालों को आपूर्ति कर रही है।

कोट

शहर में किसी भी मेडिकल स्टोर पर इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है। इसे सिर्फ सरकार द्वारा ही रेड क्रास के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है। कई बार इंजेक्शन को लेकर पूछताछ करने वाले लोग मेडिकल स्टोर पर आ रहे हैं, लेकिन इंजेक्शन उपलब्ध नहीं होने के कारण हम लोग दे पाने में असमर्थ हैं।

विनोद शुक्ला, होल सेल और रिटेल केमिस्ट एसोसिएशन पदाधिकारी

यह कंपनी इंजेक्शन का करती हैं निर्माण

- इंपोर्टेड में माइलीन कंपनी

- इंडियन

- सिपला

- सिलोन

- भारत सीरम

- अवत

- लाइफ केयर

- सन कंपनी

रोज लगते हैं 4 से 6 इंजेक्शन

पहले एक इंजेक्शन 4500 से 6000 के बीच आता था, लेकिन अब इसकी कीमत 4500 से 8000 रुपए तक है। विभिन्न कंपनियों के इंजेक्शन का रेट अलग अलग बताया जा रहा है जबकि सिपला कंपनी के इंजेक्शन की सबसे अधिक मांग है, लेकिन डिमांड के अनुरूप सप्लाई नहीं हो पा रही है। बताया जाता है कि रेड क्रॉस को यूपी सरकार ने कुल 144 इंजेक्शन उपलब्ध कराए हैं जबकि एक मरीज को 10 दिनों तक लगभग 60 इंजेक्शन की जरूरत होती है। रोजाना 4 से 6 इंजेक्शन लगाना पड़ता है।

Posted By: Inextlive