ब्लाकचेन टेक्नोलॉजी रोकेगी संपत्ति के रिकार्ड से छेड़छाड़
- एलडीए वीसी ने आईआईटी कानपुर की टीम के साथ की बैठक
- वीसी ने योजना को अमल में लाने के लिए तीन अधिकारियों की अध्यक्षता में गठित की टीम LUCKNOWएलडीए में संपत्ति के रिकार्ड से किसी भी प्रकार से छेड़छाड़ न हो सके, इसके लिए प्राधिकरण आईआईटी कानपुर के साथ मिलकर रिकार्ड मैनेजमेंट हेतु ब्लाकचेन टेक्नोलॉजी अपनाने जा रहा है। इसी संदर्भ में मंगलवार को प्राधिकरण वीसी अक्षय त्रिपाठी ने आईआईटी कानपुर की टीम के साथ इस संबंध में बैठक की। इस दौरान आईआईटी के प्रोफेसर ने ब्लाकचेन टेक्नोलॉजी से संबंधित प्रेजेंटेशन भी दिया। जिसके बाद वीसी ने इस तकनीकी के परीक्षण हेतु तीन अधिकारियों की टीम गठित की है, जो अब आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों के साथ समन्वय बनाकर इस प्रोजेक्ट पर कार्य करेगी। इसलिए अपनाई जा रही टेक्निकवीसी ने कहा कि प्राधिकरण की संपत्ति के सभी रिकार्ड का कम्प्यूटराइज्ड डाटाबेस है। इसमें किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ व दुरूपयोग किये जाने की संभावना न हो, इसके लिए ब्लाकचेन टेक्नोलॉजी तथा सस्टेनिबिलिटी सोल्यूशन को उपयोग में लाने की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने तीन अधिकारियों की टीम बनाई है, जो आईआईटी कानपुर की ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी टीम से संपर्क बनाकर यह देखेगी कि प्राधिकरण में वर्तमान में चल रहे डाटाबेस में ब्लॉकचेन का उपयोग किस प्रकार किया जा सकता है।
योजनाओं में होगा प्रयोग वीसी ने निर्देश दिये कि बसंतकुंज और प्राधिकरण की आने वाली अन्य नवीनतम योजनाओं पर ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके इससे होने वाले लाभ पर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। वीसी ने कहा कि वर्तमान में इस्तेमाल हो रहे साफ्टवेयर तथा डाटाबेस का अध्ययन करते हुए इस पर ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के प्रयोग की संभावना का प्रस्ताव प्रस्तुत करें। इसके अलावा उन्होंने प्राधिकरण द्वारा सस्टेनिबिलिटी सोल्यूशन पर किये गये नवीनतम अनुबंध का आईआईआईटी इलाहाबाद द्वारा परीक्षण करवाकर रिपोर्ट प्राप्त करने के निर्देश दिये।