कतिपय विद्यालयों द्वारा अध्ययनरत छात्र-छात्राओं का शोषण तथा उनसे अधिकतम लाभ प्राप्त करने के दृष्टिगत निर्धारित प्रकाशकों की पुस्तकें तथा अन्य छात्रोपयोगी सामग्री जैसे कॉपी यूनिफॉर्म स्कूल बैग व अन्य सामग्री निर्धारित विक्रेताओं एवं दुकान से क्रय करने हेतु बाध्य किया जाता है।


लखनऊ (ब्यूरो)। अब किसी भी स्थिति में स्कूल परिसर से स्टूडेंट्स को बुक्स, जूते-मोजे एवं यूनिफॉर्म नहीं बेची जाएंगी। इसके साथ ही किसी भी एजेंट के माध्यम से पैरेंट्स को बुक्स की आपूर्ति नहीं की जाएगी। इतना ही नहीं, किसी भी स्टूडेंट को किसी विशिष्ट दुकान से बुक्स, जूते-मोजे या यूनिफॉर्म खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। ये निर्देश मंडलायुक्त डॉ। रोशन जैकब की ओर से जारी किए गए हैैं। उन्होंने लखनऊ समेत छह जिलों के डीएम से समंवय स्थापित कर इस दिशा में कदम उठाने को कहा है।पैरेंट्स पर पड़ता है भार


उत्तर प्रदेश पुस्तक व्यापार मंडल, आर्यानगर लखनऊ के पत्र दिनांक 20 फरवरी 2022 के अनुसार कतिपय विद्यालयों द्वारा अध्ययनरत छात्र-छात्राओं का शोषण तथा उनसे अधिकतम लाभ प्राप्त करने के दृष्टिगत निर्धारित प्रकाशकों की पुस्तकें तथा अन्य छात्रोपयोगी सामग्री जैसे कॉपी, यूनिफॉर्म, स्कूल बैग व अन्य सामग्री निर्धारित विक्रेताओं एवं दुकान से क्रय करने हेतु बाध्य किया जाता है। जिससे पैरेंट्स पर अनावश्यक व्यय भार पड़ता है। इस संबंध में उत्तर प्रदेश स्ववित्त पोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन अधिनियमए 2018) यथा संशोधित की व्यवस्थानुसार यह कार्रवाई की जाएगी।ये कदम उठाए जाएंगे

-सत्र के प्रारम्भ में उक्त अधिनियम के अंर्तगत जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में गठित जिला शुल्क नियामक समिति के समक्ष प्रत्येक मान्यता प्राप्त विद्यालय द्वारा आगामी शैक्षिक सत्र के दौरान लागू किये जाने वाले शुल्क का विवरण प्रस्तुत किया जाय तथा यह विवरण विद्यालय की वेबसाइट तथा सूचना पट पर भी प्रदर्शित किया जाय।-नियमित रूप से पठन-पाठन के लिए निर्धारित पुस्तकें भी गुणवत्ता के आधार पर ऐसी प्रकाशकों की निर्धारित की जाएं, जिनकी कीमत अपेक्षाकृत कम हो। विद्यालय में छात्रों के प्रयोगार्थ शासकीय प्रकाशन यथा एनसीईआरटी की पुस्तकें अधिक से अधिक नियत की जाएं। विद्यालय द्वारा अलग से अपने विद्यालय में प्रयोगार्थ पुस्तकों का विद्यालय के नाम सहित विशिष्ट प्रकाशन न कराया जाए।-छात्रों को बुक्स की सूची दे दी जाय तथा उन्हें बुक्स खरीदने के लिए पर्याप्त समय दिया जाय। क्लास वाइज बुक्स की सूची नोटिस बोर्ड तथा विद्यालय की अधिकारिक वेबसाइट पर प्रदर्शित की जाए। एक बुक का परिवर्तन प्रत्येक वर्ष न किया जाय। जिससे छात्र अपने वरिष्ठ छात्रों की पुरानी बुक्स लेकर उनका उपयोग कर सकें। विद्यालय में गत सत्र की बुक्स का एक बुक बैंक बनाया जाय एवं आवश्यकतानुसार संबंधित कक्षा के छात्रों में वितरित किया जाए।

-निरंतर शैक्षणिक वर्ष के भीतर विद्यालय में यूनिफॉर्म परिवर्तन न किया जाए, यदि परिवर्तन अपेक्षित हो तो इस संबंध में उत्तर प्रदेश स्ववित्त पोषित स्वतंत्र विद्यालय शुल्क विनियमन 2018 यथा संशोधित में प्रख्यापित व्यवस्था का अनुपालन किया जाए।-किसी भी एजेंट, पुस्तक विक्रेता एवं प्रकाशक के द्वारा बुक्स का अवैध भंडारण न किया जाय।लिखित में अंडरटेकिंग लेंमंडलायुक्त ने निर्देश दिए हैैं कि उत्तर प्रदेश स्ववित्त पोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम 2018 यथा संशोधित में निहित प्राविधानों का कड़ाई से अनुपालन किया जाए और जनपद के जिला विद्यालय निरीक्षक को यह निर्देश दिए जाएं कि वह प्रत्येक विद्यालय के प्रबंधक, प्रधानाचार्य से इस आशय का लिखित अंडरटेकिंग प्राप्त करें कि उक्त निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है।

Posted By: Inextlive