पीजीआई में मरीजों को राहत देने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। सर्जरी की वेटिंग कम करने संस्थान लिए तीन डेडिकेटेड माड्यूल ओटी बनाई जा रही हैं जिसमें रोबोटिक से लेकर लेप्रोस्कोपी सर्जरी की जाएगी। आधुनिक उपकरणों से लैस ओटी में सर्जरी सुविधाजनक और सुरक्षित होगी। तीनों ओटी एक सप्ताह के अंदर तैयार हो जाएंगी।


लखनऊ (ब्यूरो)। पीजीआई में इस समय करीब 31 ऑपरेशन थियेटर हैं। इसमें ओल्ड कांप्लेक्स में 13 ओटी समेत विभिन्न विभागों की करीब 25 ओटी हैं। वहीं जनरल हॉस्पिटल में 2, ट्रामा में 2 ओटी हैं। ऐसे में तीन और ओटी बनने से यह संख्या बढ़कर 34 हो जाएगी। इसके अलावा कई अन्य निर्माण की प्रक्रिया में चल रही है। ऐस में अधिक ओटी होने से सर्जरी के लिए वेटिंग कम हो जाएगी।रोबोटिक को देना है बढ़ावानिदेशक प्रो आरके धीमन के मुताबिक संस्थान में तीन एडवांस माड्यूल ओटी तैयार हो रही हैं। इसमें एक ओटी में रोबोटिक सर्जरी, दूसरी में लेप्रोस्कोपी और तीसरी में जनरल सर्जरी की जाएगी। संस्थान में रोबोटिक सर्जरी को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है। रोबोटिक से समय की बचत के साथ कम चीड़-फाड़ करनी होती है, जिससे मरीजों को दिक्कत कम होती है। यह होगा स्पेशल
माड्यूल ओटी में हेपा फिल्टर लगा होता है, जो बैक्टीरिया और वायरस को फिल्टर कर देता है। इससे ओटी में संक्रमण का खतरा न के बराबर रहता है। ओटी प्रोटोकॉल के तहत नमी और तापमान कंट्रोल में रहता है। इससे बैक्टीरिया के पनपने का खतरा कम हो जाता है। वहीं, ऑपरेशन के दौरान यूज होने वाली विभिन्न गैसों को लिए एक ही प्लेफार्म होता है।

मरीजों की राहत के लिए तीन माड्यूलर ओटी बनकर तैयार हैं। रोबोटिक व लेप्रोस्कोपी के लिए अलग से डेडिकेटेड ओटी से सर्जरी को रफ्तार मिलेगी।प्रो आरके धीमन, निदेशक एसजीपीजीआई

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