Lucknow : बीएसएनएल की सर्विसेज अब 'भाई साहब नहीं लगेगाÓ वाली कहावत को चरितार्थ कर रही हैं. बीएसएनएल का नेटवर्क बात करते-करते गायब हो रहा है. तो किसी का नम्बर मौजूद ही नहीं है. इंटरनेट उपभोक्ता भी इसके कारण परेशान हैं.


ये नम्बर मौजूद नहीं

गोमती नगर निवासी एन सक्सेना का अपने बेटे का नम्बर डायल कर दोपहर को परेशान हो गए। जिस नम्बर पर आधे घंटे पहले बात हुई उसे अब आवाज आ रही है कि नम्बर अवलेबल ही नहीं है। ऐसा कैसे हो सकता है। सक्सेना जी ने बताया कि इमरजेंसी में भी बीएसएनएल ऐसा करता है। एक बार बता रहा कि नम्बर अवेलेबल ही नहीं। कुछ घंटे बाद फिर उसी नम्बर से कॉल आ जाती है.

इंटरनेट लेने वाले भी परेशान

सिर्फ कॉल करने वाले उपभोक्ता ही नहीं मोबाइल पर इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले कस्टमर भी परेशान हैं। एमबीए कर रहे रचित ने बताया कि बीएसएनएल का एड आता है कि सबसे सस्ता डेटा पैक बीएसएनएल का है, लेकिन यह सस्ता पन अब रुला रहा है। ब्राउजिंग के समय अचानक नेटवर्क गायब हो जाता है। ऐसे में बीएसएनएल लेकर पछता रहा हूं.

क्या है खेल

बीएसएनएल के सूत्रों की माने तो बीएसएनएल के अधिकारी ही नहीं चाहते कि बीएसएनएल आगे बढ़े। क्योंकि जब बीएसएनएल का नेटवर्क अच्छा रहता है और उसकी सस्ती सर्विसेज अच्छी मिलने लगती हैं तो प्राइवेट कम्पनियों को नुकसान उठाना पड़ता है। इसके लिए प्राइवेट कम्पनियों बीएसएनएल अधिकारियों को अपने नेटवर्क में बाधा उत्पन्न करने के लिए हर महीने लाखों रुपए देती हैं। जिसके एवज में प्राइवेट कम्पनियों को फायदा मिलता है

बीएसएनएल के ही अधिकारी टेलीकॉम रेगुलेटरी अथारिटी ऑफ इंडिया में भी जाते हैं। शायद यही कारण है कि टेलीकॉम रेगुलेटरी अथारिटी आफ इंडिया (ट्राई) जो भी नियम कानून बनाती है कुछ ही दिनों बाद प्राइवेट कम्पनियां उसकी काट निकाल लेती हैं। दरअसल ट्राई में बैठे अधिकारी ही उन्हें उसके लिए टिप्स देते रहते हैं। शायद यही कारण है कि पिछले कई दिनों से डू नाट डिस्टर्ब सेवा पर रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहे हैं। कम्पनियां जो चाहे कस्टमर्स के पास भेज रही हैं और ट्राई आंखे मूदें बैठा है.

Posted By: Inextlive