- बजट में लिपिकीय खामियां मिलने से कार्यकारिणी की बैठक स्थगित, अब मंगलवार को होगी

- कई बिंदु तो मेयर-नगर आयुक्त की जानकारी में ही नहीं

- लेखा विभाग के अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगने की तैयारी

LUCKNOW शहर सरकार की ओर से वित्तीय वर्ष 2021-22 के मूल बजट को पेश करने की तैयारी पूरी कर ली गई थी और इस संबंध में रविवार को कार्यकारिणी की बैठक भी बुलाई गई थी लेकिन जैसे ही बजट के पन्ने पलटना शुरू हुआ, कई लिपिकीय खामियां सामने आईं। वहीं वार्ड विकास निधि की तस्वीर साफ न होने से पार्षद नाराज दिखे। हालांकि इतना जरूर है कि वार्ड विकास निधि को लेकर पार्षदों को झटका लगना तय है। वहीं बजट में शामिल कई बिंदुओं से मेयर और नगर आयुक्त भी अंजान दिखे। जिसके बाद बैठक को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। वहीं बजट में खामियां मिलने की वजह से लेखा विभाग के अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगने की तैयारी भी शुरू कर दी गई है।

पार्षदों ने जताया विरोध

मेयर संयुक्ता भाटिया की अध्यक्षता में रविवार दोपहर दो बजे से कार्यकारिणी समिति की बैठक शुरू हुई। नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने नगर निगम बजट (2021-22) का भाषण पढ़ा। भाषण के बाद भाजपा समेत विपक्षी पार्षदों ने वार्ड विकास निधि को खत्म करने या कम करने पर चल रही चर्चा पर विरोध जताया। पार्षदों का कहना था कि सड़क की मरम्मत और नवीनीकरण के जिस मद में 77 करोड़ की कमी की गई है, उससे ही वार्ड विकास निधि दी जाती थी। इस पर मेयर ने बताया कि बजट कैसे बना, उन्हें जानकारी नहीं दी गई है। नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने भी कहा कि बजट में जो विस्तृत रिपोर्ट दी गई है, उसकी जानकारी उन्हें नहीं है।

यह मिली खामियां

औरंगाबाद खालसा में बन रहे अपार्टमेंट में आय को सौ करोड़ दिखाया गया था, जबकि नए वित्तीय वर्ष में अपार्टमेंट तैयार ही नहीं हो पाएंगे। इसी तरह कई अन्य मद में लिपिकीय त्रुटि पाई गई। मेयर ने बजट का फिर से परीक्षण कर सुधारने के निर्देश दिए।

तो शून्य हो जाएगी निधि

नगर निगम अधिनियम में वार्ड विकास निधि का कोई नियम नहीं है और नगर निगम में यह परंपरा चल रही है। अब संशोधित बजट में वार्ड के हिसाब से निधि का बंटवारा करने का जिक्र नहीं होगा। इस कारण वार्ड विकास निधि खुद से ही शून्य हो जाएगी।

इस पर भी हुआ विरोध

नाला सफाई का बजट साढ़े आठ करोड़ से पांच करोड़ किए जाने का विरोध सपा पार्षद दल के नेता व कार्यकारिणी सदस्य सै। यावर हुसैन रेशू ने किया। उनका कहना था कि अगर नालों की सफाई नहीं हुई तो जलभराव होगा। नगर आयुक्त ने सफाई दी कि नालों की सफाई में पारदर्शिता लाई जाएगी। समय से नालों की सफाई होगी। बैठक में जलकल के महाप्रबंधक एसके वर्मा बजट पढ़ने लगे तो नगर आयुक्त ने कहा कि बिना उन्हें दिखाए ही बजट को बैठक में कैसे ला दिया गया। लिहाजा, महाप्रबंधक बिना बजट पढ़े ही बैठ गए।

Posted By: Inextlive