राजधानी की तीन प्रमुख झीलों के सौंदर्यीकरण का रास्ता साफ हो गया है। इन तीन झीलों में बटलर पैलेस मोतीझील और जमुनाझील शामिल हैं। खास बात यह है कि बटलर पैलेस झील के सौंदर्यीकरण के लिए बजट भी फाइनल हो गया है और इस झील के सौंदर्यीकरण पर करीब पांच करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।


लखनऊ (ब्यूरो)। एलडीए की ओर से जो योजना तैयार की गई है, उसके अंतर्गत चार से पांच बिंदुओं पर डेवलपमेंट संबंधी रिपोर्ट तैयार की गई है। जो इस प्रकार है।1-सबसे पहले झील के चारों तरफ रेलिंग की व्यवस्था की जाएगी। जिससे झील के आसपास आने वाले लोग सेफ साइड रहें। 2-बिना ट्रीटमेंट के झील में पानी को नहीं मिलने दिया जाएगा। जिससे झील का पानी साफ रहेगा। 3-झील के चारों तरफ जॉगिंग ट्रैक भी बनाए जाने की प्लानिंग है, जिससे लोग झील के सौंदर्यीकरण का लुत्फ उठाने के साथ ही अपनी हेल्थ को भी बेहतर रख सकें। 4-झील के आसपास सिटिंग अरेंजमेंट भी किया जा सकता है।5-झील के तट पर ग्रीनरी पर भी फोकस किया जाएगा।

शासन ने लिया निर्णय


इस झील का सौंदर्यीकरण कराए जाने संबंधी कदम शासन की ओर से उठाया गया है। शासन की ओर से उक्त कदम की जिम्मेदारी एलडीए को दी गई है। इसके साथ ही एलडीए को बजट संबंधी व्यवस्था कराने के लिए भी कहा गया है। बजट जारी होते ही तत्काल झीलों के सौंदर्यीकरण का कार्य शुरू करा दिया जाएगा। अभी ये हाल है

वीवीआईपी कॉलोनी स्थित बटलर पैलेस झील की वर्तमान स्थिति दयनीय है। पानी गंदा होने के कारण लोग इसके आसपास भी नहीं जाते हैैं। झील में नाले-नालियों का पानी आकर मिलता है।लाइटिंग की प्रॉपर व्यवस्था नहींझील के आसपास प्रॉपर लाइटिंग की भी व्यवस्था नहीं है। जिससे झील के किनारों पर अराजक तत्वों का भी जमावड़ा लगा रहता है। इन झीलों की भी बदलेगी तस्वीरबटलर पैलेस झील के साथ जमुनाझील और मोतीझील की भी तस्वीर बदलने जा रही है। इन दोनों झीलों का भी सौंदर्यीकरण कराया जाएगा। बुधवार को मंडलायुक्त रंजन कुमार ने ऐशबाग स्थित दोनों ऐतिहासिक झीलों की स्थिति को देखा। मॉनीटरिंग सिस्टम भी रहेगाझीलों के सौंदर्यीकरण के बाद उनमें दोबारा गंदगी या अतिक्रमण की समस्या सामने न आए, इसके लिए प्रॉपर मॉनीटरिंग सिस्टम भी बनाया जाएगा। वहीं मॉनीटरिंग टीमें समय-समय पर झीलों की स्थिति संबंधी रिपोर्ट भी तैयार करेंगी और जिम्मेदारों के समक्ष रखेंगी। ये रहे मौजूदनिरीक्षण के दौरान नगर निगम से अपर नगर आयुक्त राकेश कुमार यादव, आरआर विभाग प्रभारी रामनगीना त्रिपाठी एवं एलडीए से अधिशासी अभियंता प्रताप शंकर मिश्रा मौजूद रहे। इस तरह होगा कायाकल्प1-झीलों के आसपास काबिज अवैध कब्जे हटाए जाएंगे2-सुरक्षा के इंतजाम किए जाएंगे3-प्रॉपर सफाई अभियान चलेगा4-दोनों झीलों के पानी को साफ रखने के भी प्रबंध होंगे।

Posted By: Inextlive