हाल ही में जारी सीट आरक्षण को लेकर आपत्तियां दर्ज कराने के लिए सात दिन का समय दिया गया है। ये समयावधि पूरी होने वाली है। डीएम कार्यालय में आपत्तियां दर्ज होना शुरू हो गई हैैं। ज्यादातर आपत्तियां भाजपा पार्षदों की ओर से आ रही हैैं। उनकी ओर से सीट आरक्षण को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैैं।


लखनऊ (ब्यूरो)। भले अभी निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी न हुई हो, लेकिन वार्डों में चुनाव प्रचार ने जोर पकड़ लिया है। संभावित प्रत्याशियों की ओर से खुद को सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार बताकर वोटर्स का दिल जीतने का प्रयास किया जा रहा है। हर प्रत्याशी का प्रयास यही है कि अधिसूचना जारी होने से पहले ही वे अपना वोट बैैंक मजबूत कर लें।मैैं ही बेहतर ऑप्शन हूं


सभी प्रत्याशी खुद को बेहतर ऑप्शन बता रहे हैैं। हालांकि, अभी यह तय नहीं है कि उन्हें टिकट मिलेगा भी या नहीं। ज्यादातर प्रत्याशियों का यह भी मानना है कि टिकट उन्हें ही मिलेगा। उन्होंने वोटर्स को अपने साथ लाने के लिए ताकत झोंकने का काम शुरू कर दिया है। प्रत्याशियों की ओर से रोजाना नए-नए इलाकों में सर्वे करके जनता का दिल जीतने की कवायद जारी है। उनकी ओर से जनता के बीच अपना चुनावी एजेंडा भी रखा जा रहा है, ताकि वे जनता को भरोसा दिला सकें कि अगर उनकी जीत होती है तो वे किस तरह वार्ड में विकास कार्य कराएंगे।नए इलाकों पर विशेष फोकस

नए प्रत्याशियों की ओर से नए इलाकों पर विशेष फोकस किया जा रहा है। इसकी वजह यह है कि जो नए इलाके वार्ड में शामिल हुए हैैं, वहां की जनता के सामने उनका चेहरा नया है। ऐसे में प्रत्याशियों के सामने उनका दिल जीतने की खासी चुनौती है। प्रत्याशियों का यही प्रयास है कि नए इलाकों की जनता को खुद के समर्थन में लाया जाए, जिससे उनका वोट बैैंक मजबूत हो सके। इसके साथ ही जो दिग्गज प्रत्याशी मैदान में उतर रहे हैैं, उन्हें कड़ी टक्कर दी जा सके।महिला सीट पर फोकसजिन वार्डों में पहली बार महिला सीट हुई है, वहां पर लगभग सभी महिला प्रत्याशी अभी से ही एक-दूसरे को टक्कर देने के लिए तैयार हो गई हैैं। जिन वार्डों में दोबारा महिला सीट हुई है, वहां से पुरानी प्रत्याशी ही दम दिखाती हुई नजर आएंगी। हालांकि, संभावना है कि नए प्रत्याशियों से उन्हें टक्कर मिलेगी। दो से तीन सीटें ऐसी भी हैैं, जहां से वर्तमान पार्षदों के ही दोबारा जीतने की उम्मीद प्रबल है।पार्टी सिंबल पर चुनाव

सीट आरक्षण की तस्वीर साफ होने के बाद अब प्रत्याशियों की ओर से पार्टी सिंबल पर चुनाव लडऩे के लिए टिकट लेने की कवायद चल रही है। उनकी ओर से इसके लिए पार्टी पदाधिकारियों से नजदीकी भी बढ़ाई जा रही है, जिससे निकाय चुनाव का टिकट मिलने में उन्हें कोई समस्या न आए। वहीं दूसरी तरफ, जिन प्रत्याशियों को पता है कि उन्हें किसी भी पार्टी से टिकट नहीं मिलेगा, वे निर्दलीय ही चुनावी मैदान में उतरने का मन बना चुके हैैं और इसके आधार पर ही चुनावी तैयारी कर रहे हैैं। एक बात यह भी स्पष्ट है कि कई ऐसे प्रत्याशी हैैं, जो अगर निर्दलीय के रूप में चुनावी मैदान में उतरते हैैं तो वो पार्टी सिंबल से चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर देते नजर आएंगे।आपत्तियां भी आ रहीं सामनेहाल ही में जारी सीट आरक्षण को लेकर आपत्तियां दर्ज कराने के लिए सात दिन का समय दिया गया है। ये समयावधि पूरी होने वाली है। ऐसे में अभी से ही डीएम कार्यालय में आपत्तियां दर्ज होना शुरू हो गई हैैं। ज्यादातर आपत्तियां भाजपा पार्षदों की ओर से आ रही हैैं। उनकी ओर से सीट आरक्षण को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैैं।

Posted By: Inextlive