गैस चेंबर बनने के करीब राजधानी, एक्यूआई पहुंचा 295
नंबर गेम
18 परसेंट पॉल्यूशन अनफिट व्हीकल से 24 परसेंट पॉल्यूशन डस्ट व बदहाल सड़कों से 20 परसेंट पॉल्यूशन कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलेशन से 18 परसेंट पॉल्यूशन इंडस्ट्रीज से - तापमान में नमी समेत कई प्रमुख कारण बने पॉल्यूशन लेवल बढ़ने में - चार दिन पहले हवा की गुणवत्ता थी बेहतर, अब पॉल्यूशन में देश में दूसरे नंबर पर पहुंचा शहरLUCKNOW पिछले साल की तरह इस बार भी अक्टूबर के समाप्त होते-होते राजधानी के गैस चेंबर बनने संबंधी खतरे की घंटी बज चुकी है। आलम यह है कि चार दिन पहले जहां राजधानी की हवा की गुणवत्ता बेहतर थी, वहीं मंगलवार को एक्यूआई लेवल के सारे रिकॉर्ड टूट गए और एक्यूआई लेवल 295 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर पहुंच गया। इसकी वजह से राजधानी पॉल्यूटेड शहरों की लिस्ट में पूरे देश में दूसरे नंबर पर काबिज हो गई। देश में नंबर वन पर बल्लभगढ़ रहा, जहां का एक्यूआई लेवल 327 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया।
शहरों का एक्यूआई लेवल शहर एक्यूआई बल्लभगढ़ 327 लखनऊ 295भिवाड़ी 293
चरखी दादरी 279 जिंद 272 सिंगरौली 272 बागपत 270 पानीपत 270 मुजफ्फरनगर 267 मुजफ्फरपुर 266 कुरुक्षेत्र 264 युमनानगर 262 मेरठ 258 आगरा 257 फतेहाबाद 254 करनाल 252 (एक्यूआई लेवल माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर में है) राजधानी का एक्यूआई (पिछले 5 दिन)दिनांक एक्यूआई
19 अक्टूबर 291 18 अक्टूबर 246 17 अक्टूबर 249 16 अक्टूबर 185 15 अक्टूबर 150 (एक्यूआई लेवल माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर में है.) चार दिन में स्थिति खराब सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की तरफ से जारी आंकड़ों से साफ है कि महज चार दिन के अंदर राजधानी की हवा की गुणवत्ता डेंजर जोन में पहुंच गई है। पिछले साल भी स्थिति भयावह पिछले साल अक्टूबर माह की बात की जाए तो राजधानी का एक्यूआई लेवल 272 से 300 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रहा था। वहीं नवंबर माह की 15 तारीख तक एक्यूआई लेवल 484 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर पहुंच गया था। वर्ष 2019 की स्थिति डेट एक्यूआई 20 अक्टूबर 272 26 अक्टूबर 155 27 अक्टूबर 186 28 अक्टूबर 305 29 अक्टूबर 31430 अक्टूबर 326
31 अक्टूबर 352 1 नवंबर 382 2 नवंबर 422 3 नवंबर 400 4 नवंबर 435 5 नवंबर 416 6 नवंबर 339 (एक्यूआई के आंकड़े माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर में) ------- एक्यूआई के मानक एक्यूआई कंडीशन 0-50 गुड 101-150 अनहेल्दी फॉर सेंसटिव गु्रप 151-200 अनहेल्दी 201-300 वैरी अनहेल्दी 301-500 हजारडज 5 प्रमुख वजह से बढ़ रहा पॉल्यूशन 1-तापमान में गिरावट-दो दिन में तापमान में खासी गिरावट देखने को मिली है। पहले जहां मिनिमम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जाता था, वहीं अब यह आंकड़ा 19 डिग्री सेल्सियस रह गया है।2-कंस्ट्रक्शन साइट्स-अनलॉक होने के बाद धड़ल्ले से कंस्ट्रक्शन का काम भी शुरू हो गया है। करीब 25 फीसदी साइट्स को बिना कवर किए ही निर्माण कार्य जारी है, जिससे एक तरफ तो एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं, वहीं दूसरी तरफ पॉल्यूशन लेवल बढ़ रहा है।
3-इंडस्ट्रीज- अनलॉक होने के बाद अमौसी, तालकटोरा समेत कई इंडस्ट्रियल एरिया ओपन हो गए हैं। जिसकी वजह से पॉल्यूशन लेवल बढ़ता नजर आ रहा है। 4-वाहनों का लोड-अनलॉक में जहां 5 से 10 फीसदी ही वाहन रोड पर दिखाई देते थे, वहीं अनलॉक होने के बाद आंकड़ा 90 फीसदी के पार पहुंच गया है। इसके साथ ही शहर की सड़कों पर धड़ल्ले से 15 फीसदी ऐसे वाहन भी दौड़ रहे हैं, जिनकी फिटनेस डेट खत्म हो चुकी है। इसके बावजूद इन पर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है। 5-अविकसित कॉलोनियां-शहर में 200 से अधिक अविकसित कॉलोनियां हैं, जहां घनी आबादी बस चुकी है। सड़क इत्यादि न होने की वजह से इन कॉलोनियों में धूल के गुबार देखे जा सकते हैं। जिसका सीधा असर एयर पॉल्यूशन पर पड़ता है। ------------- वर्जन औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण किया जा रहा है। जहां पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं, उन्हें नोटिस जारी किया गया है। निर्माण स्थलों पर पानी के छिड़काव के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अलावा जिलाधिकारी द्वारा सभी संबंधित विभागों को भी अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। -डॉ। रामकरन, क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड वर्जन तापमान में गिरावट के साथ ही वातावरण में नमी भी मौजूद रहती है। इसके साथ हवा की गति भी ज्यादा नहीं होती है। इन सबकी वजह से भी एयर पॉल्यूशन के ग्राफ में बढ़ोत्तरी होती है। वाहनों की संख्या, धूल इत्यादि से पॉल्यूशन का खतरा और बढ़ जाता है। प्रो.आलोक धावन, डायरेक्टर, आईआईटीआर वर्जन पॉल्यूशन के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए नगर निगम ने पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं। कंस्ट्रक्शन साइट्स को कवर करने के साथ ही पब्लिक प्लेसेस, मार्केट्स और रोड्स पर पानी का छिड़काव भी कराया जा रहा है, जिससे धूल न उड़े। चेतावनी दी गई है कि यदि किसी ने भी वेस्ट जलाया तो उस पर जुर्माना संबंधी कार्रवाई की जाएगी। अजय कुमार द्विवेदी, नगर आयुक्त