- सीबीआई को मिली तमाम शिकायतें, अभ्यर्थियों ने खोली पोल

- अनिल यादव के इशारे पर ही नंबरों में की गयी थी हेरा-फेरी

LUCKNOW :

यूपीपीएससी घोटाले में सीबीआई जल्द ही तत्कालीन अध्यक्ष अनिल यादव की भूमिका की पड़ताल भी शुरू करने जा रही है। दरअसल यूपीपीएससी के अज्ञात अफसरों के खिलाफ सीबीआई द्वारा केस दर्ज किए जाने से यह साफ हो गया है कि भर्ती घोटाले के तार आयोग के बड़े अधिकारियों से जुड़ रहे हैं। वहीं सीबीआई के पास अनिल यादव के खिलाफ दर्जनों ऐसे शिकायतें हैं जिनमें उन्हें घोटाले का अहम सूत्रधार करार दिया गया है। अब सीबीआई अफसरों पर शिकंजा कसकर उनसे बड़े अफसरों के नाम उगलवाने की तैयारी में है।

टॉपर्स में भी हुआ खेल

दरअसल अनिल यादव पर शक गहराने की तमाम वजहें भी है। सीबीआई की प्रारंभिक जांच में यह साफ हो चुका है कि साजिशन कुछ अभ्यथियों के नंबरों में बदलाव किया गया ताकि मनचाहे अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के दौर तक पहुंचने में मदद मिल सके। इसके बाद टॉपर्स के चयन में भी तमाम गड़बडि़यां अंजाम दी गयी। इतना ही नहीं, पूरी भर्ती प्रक्रिया में परीक्षा नियंत्रक को तमाम अहम बदलावों की जानकारी नहीं दी गयी। कुछ सवाल लीक होने के बाद भी परीक्षा को स्थगित करने जैसा एहतियाती कदम भी नहीं उठाया गया। इससे साफ हो चुका है कि पीसीएस 2015 की परीक्षा को आयोग के अफसरों ने मजाक बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी थी। यह किसके इशारे पर किया गया, सीबीआई को अब यह पता लगाना है। सीबीआई के एक अफसर की मानें तो भर्ती घोटाले की जांच आगे बढ़ने पर यदि इसमें कुछ राजनेताओं की भूमिका का भी पता चलता है तो यह हैरत की बात नहीं होगी।

Posted By: Inextlive