- हाईकोर्ट को 18 दिसंबर तक आरोपपत्र दाखिल करने का दिया आश्वासन

- अंतिम संस्कार प्रकरण में सभी पक्षों को मीडिया द्वारा उपलब्ध फोटो-वीडियो देखने के निर्देश

रुष्टयहृह्रङ्ख : हाथरस मामले में सीबीआई ने बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के सामने आश्वासन दिया कि वह इस केस की विवेचना पूरी कर 18 दिसंबर तक संबंधित अदालत में आरोपपत्र दाखिल कर देगी। इस बीच अपर महाधिवक्ता वीके शाही ने हाथरस डीएम को न हटाने के राज्य सरकार के निर्णय को फिर दोहराया।

एक घंटे चली सुनवाई

कोर्ट ने करीब एक घंटे चली सुनवाई के बाद न्याय मित्र, सभी पक्षों के अधिवक्ताओं तथा सरकार के किसी वरिष्ठ अधिकारी समेत हाथरस के जिलाधिकारी व एसपी को मीडिया तथा अन्य स्त्रोतों से आए फोटो व वीडियो देखने के निर्देश दिए हैं। जस्टिस पंकज मित्थल व जस्टिस राजन राय की पीठ ने सुनवाई के पश्चात अपना आदेश सुरक्षित कर लिया। मामले की अगली सुनवाई 27 जनवरी को होगी। कोर्ट हाथरस मामले में स्वत: संज्ञान द्वारा 'गरिमापूर्ण ढंग से अंतिम संस्कार के अधिकार' टाइटिल से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है। कोर्ट के पूर्व के आदेश के अनुपालन में सीबीआई के अधिवक्ता अनुराग सिंह ने जानकारी दी कि मामले की जांच पूरी करने के उपरांत 18 दिसंबर तक चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी। पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई ने 10 दिसंबर तक जांच पूरा कर लेने की उम्मीद जताई थी।

एसओपी बनाने पर विचार करने के निर्देश

मामले में न्याय मित्र जेएन माथुर ने बताया कि कोर्ट ने 16 जनवरी को हाईकोर्ट के ही वीडियो कान्फ्रेंसिंग हॉल में सभी पक्षों को वीडियो व फोटो देखने के आदेश दिए हैं। हाथरस जैसी घटना की पुनरावृत्ति होने पर अंतिम संस्कार के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर बनाने को लेकर न्याय मित्र व राज्य सरकार के अधिवक्ताओं को परस्पर विचार विमर्श करने का भी आदेश दिया गया है।

Posted By: Inextlive