- विशेषज्ञों के एक दल ने लिया मिट्टी और कंक्रीट का नमूना

- टेस्ट पाइ¨लग में प्रयुक्त कंक्रीट की रिपोर्ट से तय होगा स्थायी पाइ¨लग का सूत्र

AYODHYA : राम मंदिर निर्माण की परियोजना से आईआईटी- चेन्नई एवं एलएंडटी के लगभग दो सौ विशेषज्ञ जुड़े हुए हैं। इन्हें मंदिर निर्माण में बहुत अहम माना जा रहा है। इन विशेषज्ञों के ही अध्ययन और रिपोर्ट पर मिश्रण-मसाला एवं निर्माण की तकनीकी दिशा तय होनी है। इसी क्रम में राम मंदिर की सतह की मिट्टी के साथ टेस्ट पाइ¨लग में प्रयुक्त कंक्रीट का नमूना लिया गया। इस नमूने का परीक्षण चेन्नई में किया जाएगा।

200 लोग परियोजना से जुड़े

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ। अनिल मिश्र के अनुसार परीक्षण यह सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है कि मंदिर एक हजार से अधिक वर्ष तक अक्षुण्ण रहे। एल एंड टी का कार्यालय चेन्नई में है और वह आइआइटी-चेन्नई के सिविल इंजीनिय¨रग विभाग के विशेषज्ञों के संपर्क में है। लगभग 200 लोग हैं, जो राम मंदिर परियोजना पर काम कर रहे लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) और आईआईटी-चेन्नई से जुड़े हैं। राम मंदिर सौ मीटर गहरी और और एक मीटर व्यास की 1200 पाइ¨लग पर टिका होगा। पाइ¨लग निर्माण से पूर्व 12 टेस्ट पाइ¨लग का निर्माण कराया जा रहा है। सात टेस्ट पाइ¨लग का निर्माण पूरा कर लिया गया है और इसी सप्ताह के अंत तक बाकी पांच का निर्माण हो जाना है। सैकड़ों फीट गहरी खुदाई के साथ टेस्ट पाइ¨लग में विशेष तकनीक से सीमेंट-गिट्टी का मिश्रण डाला गया। टेस्ट पाइ¨लग पर लगभग उतना ही भार दिया जाएगा, जितना भार राम मंदिर में प्रयुक्त होने वाली शिलाओं का होगा।

रिपोर्ट करेंगे प्रस्तुत

शिलाओं के भार से टेस्ट पाइ¨लग में होने वाला परिवर्तन निर्माण की आधुनिकतम तकनीक से रिकॉर्ड किया जाएगा। इसी रिकार्ड के आधार पर चेन्नई स्थित एलएंडटी के मुख्यालय पर तकनीकी विशेषज्ञ अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। यह रिपोर्ट राम मंदिर की नींव के लिए 1200 स्थायी पाइ¨लग के निर्माण का अंतिम सूत्र सुझाएगी। समझा जाता है कि अगले माह 15 अक्टूबर तक टेस्ट पाइ¨लग की रिपोर्ट आने के साथ स्थायी पाइ¨लग का निर्माण शुरू होगा। टेस्ट पाइ¨लग का निर्माण जहां ओपीसी से हुआ है, वहीं स्थायी पाइ¨लग पीपीसी से निर्मित होगी।

ओपीसी-पीपीसी का यह है फर्क

आर्किटेक्ट शुभमदीप सिंह के अनुसार ओपीसी यानी आर्डनरी पोर्टलैंड सीमेंट अपनी विशेषताओं के बावजूद साधारण किस्म की मानी जाती है। निर्माण को स्थायित्व देने के उद्देश्य से पीपीसी यानी पोर्टलैंड पोज्जोलेविया सीमेंट का प्रयोग किया जाता है। यह विशेष किस्म की सीमेंट है। इसमें ओपीसी के साथ जिप्सम तथा पोज्जालॉनिक पदार्थ का मजबूत मिश्रण होता है।

Posted By: Inextlive