जंक फूड खाने की मात्रा भी बढ़ गई क्योंकि अब तो देर रात तक फूड डिलीवरी हो रही है। इसकी वजह से बच्चों में हाइपरटेंशन की समस्या देखने को मिल रही है।


लखनऊ (ब्यूरो)। कोरोना की वजह से लोगों की लाइफस्टाइल में बड़ा बदलाव आया है, जिसका असर बच्चों में भी देखने को मिल रहा है। घर से पढ़ाई, एक्सरसाइज में कमी और जंक फूड खाने की आदत में बढ़ोतरी की वजह से बच्चों में भी हाइपरटेंशन की समस्या बढऩे लगी है। डॉक्टर्स का मानना है कि भारतीय बच्चों में खासतौर पर हाइपरटेंशन बढ़ता जा रहा है। यह एक तरह से बच्चों में लाइफस्टाइल डिस्आर्डर बन गया है।बच्चों में बढ़ रही है समस्या


पीजीआई में बाल रोग विशेषज्ञ डॉॅ। पियाली भट्टाचार्य के मुताबिक, बच्चों में स्ट्रेस होने से बीपी बढऩे की संभावना अधिक हो जाती है। इससे डायबिटीज भी बढ़ता है। कोरोना के दौरान ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हुई, जिससे बच्चों की एक्टिविटी कम हो गई। स्कूल खुले तो वहां भी केवल पढ़ाई हो रही है, कोई एक्टिविटी नहीं हो रही। घर पर पढ़ाई की टेंशन भी ज्यादा रहती है। बच्चे गैजेट्स को ज्यादा समय दे रहे हैं, जिससे उनकी नींद पर असर हो रहा है। इससे बच्चे चिड़चिड़े भी हो रहे हैं। जंक फूड खाने की मात्रा भी बढ़ गई, क्योंकि अब तो देर रात तक फूड डिलीवरी हो रही है। इसकी वजह से बच्चों में हाइपरटेंशन की समस्या देखने को मिल रही है।2-5 फीसदी इस समस्या वाले

डॉॅ। पियाली ने बताया कि पीजीआई ओपीडी में भी इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें करीब 2-5 फीसदी बच्चों में हाइपरटेंशन की समस्या देखने को मिल रही है, जो चिंता का विषय है। हालांकि, हाइपरटेंशन जेनेटिकली या मोटापा आदि जैसी वजहों से भी हो सकता है। अगर पेरेंट्स में यह समस्या है, तो बच्चों में बीपी होने के चाजेंस 25 फीसदी ज्यादा होते हैं। बच्चों में कोलेस्ट्राल की भी मात्रा लगातार बढ़ रही है। अभी से हाइपरटेंशन की समस्या होने से आगे चलकर दिल, किडनी, दिमाग और शरीर के अन्य अंगों पर भी बुरा असर पड़ सकता है।ऐसे करें बच्चों का बचाव- पेरेंट्स ख्याल रखें कि बच्चों को तीन टाइम घर का बना प्रॉपर खाना मिले- वे रोज आधा से एक घंटा एक्सरसाइज, योगा, मेडिटेशन करें- बच्चे लगभग 8 घंटे की अच्छी नींद लें- सॉफ्ट म्यूजिक सुनेें। सोशल मीडिया और वीडियो गेम्स न खेलें।ऑनलाइन पढ़ाई, कोई एक्टिविटी न होना, जंक फूड खाना आदि की वजह से बच्चों में हाइपरटेंशन की शिकायत देखने को मिल रही है। यह एक तरह से लाइफस्टाइल डिस्ऑर्डर बनता जा रहा है। समय रहते इसकी रोकथाम बेहद जरूरी है।- डॉॅ। पियाली भट्टाचार्य, पीजीआई

Posted By: Inextlive