- लंबे समय से घरों में रहने से आएं कई बदलाव

- एक्सपर्ट बोले स्कूल जाने को लेकर बैठ सकता है डर

LUCKNOW: कोरोना महामारी के एक लंबे अंतराल के बाद स्कूल खुल गए हैं। ऐसे में कई बच्चों में स्कूल जाने को लेकर उनके स्वभाव में कुछ बदलाव देखा जा सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए स्कूल में टीचर्स को स्टूडेंट्स के स्वभाव पर नजर रखनी चाहिए। एक्सपर्ट का मानना है कि महीनों से घरों में रह रहे बच्चों के अचानक से स्कूल जाने को लेकर मन में कई तरह की चिंता हो सकती है।

हर बच्चे का स्वभाव अलग

केजीएमयू के साइकियाट्रीक विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ। आदर्श त्रिपाठी बताते हैं कि स्कूल दोबारा खुल रहे हैं और बच्चे स्कूल जाने लगे हैं, जो कई महीनों के बाद हो रहा है। यह सभी जानते हैं कि हर बच्चे का स्वभाव अलग-अलग होता है। ऐसे में स्कूल जाने का फर्क बच्चों में अलग-अलग देखा जा सकता है। कुछ बच्चे उत्साहित होंगे कि उनको इतने लंबे अरसे के बाद घर से बाहर निकलने, दोस्तों से मिलने का मौका मिल रहा है जबकि कई बच्चे ऐसे भी होंगे जो इस परिस्थिति से अभी थोड़ा डरे हुए होंगे क्योंकि उनके पैरेंट्स भी डरे हुए हैं। ऐसे में बच्चे स्कूल जाने से डर रहे हैं।

टीचर्स देखे बच्चों को कितना समझ आया

कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। लोगों के मन में बच्चों को लेकर डर अभी बना हुआ है। ऐसे में पैरेंट्स के साथ टीचर्स को भी ध्यान देने की ज्यादा जरूरत है। स्कूल बंद होने के कारण बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे थे। ऐसे में अब स्कूल में पढ़ने के लिए आने वाले बच्चों पर टीचर्स विशेष ध्यान रखें कि पहले पढ़ा चुके कोर्स को दोबारा रिवाईज कराएं। इस बात को देखा जाए कि किस बच्चे की समझ विषय को लेकर कहां तक पहुंची है। इसके बाद ही आगे की पढ़ाई शुरू करें, जिससे बच्चों को आगे समझने में आसानी हो।

धैर्य से लें काम

कई बच्चों का रूटीन बदला है। ऐसे में दोबारा क्लास में एडजस्ट करने के लिए कुछ समय लग सकता है। टीचर्स को चाहिए कि संयम व धैर्य से काम लें। नहीं तो बच्चों में डर के चलते घबराहट, नींद न आना या फिर तनाव की समस्या हो सकती है।

इन बातों का रखें ध्यान

- पैरेंट्स बच्चों की बातों को ध्यान से सुनें

- अगर बच्चा जिद्दी हो तो धैर्य के साथ काम लें

- बच्चों के सामने कोई निगेटिव बात न करें

- बच्चों को स्कूल जाने के लिए मेंटली मोटिवेट करें

- अगर बच्चा परेशान दिखे तो बात करें या डॉक्टर की सलाह लें

कोट

हर बच्चे का स्वभाव अलग होता है। ऐसे में स्कूल जाने का असर भी अलग देखने को मिल सकता है। टीचर्स को बच्चों के व्यवहार पर नजर रखनी चाहिए।

- डॉ। आदर्श त्रिपाठी, एडिशनल प्रोफेसर साइकियाट्रीक विभाग केजीएमयू

Posted By: Inextlive