- यूपी एटीएस ने नोएडा से दबोचे, तीन की और तलाश

- डेढ़ सौ भारतीय नंबरों पर पंजीयन के लिए भेजा गया ओटीपी

रुष्टयहृह्रङ्ख : साइबर इकोनामिक फ्रॉड के मामले में उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (यूपी एटीएस) को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पिछले सप्ताह साइबर फ्रॉड करने वाले 14 शातिर को उत्तर प्रदेश और दिल्ली से गिरफ्तार करने के बाद शनिवार को इस मामले में दो चीनी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। नोएडा से गिरफ्तार गिरोह के इन सदस्यों के नाम पोचंली टेंगली उर्फ ली टेंग ली और जू जुंफू हैं। आपराधिक गतिविधियों के लिए यह शातिर गिरोह फर्जी आईडी से सिम कार्ड हासिल कर ऑनलाइन खाते खोलकर लेनदेन कर रहा था।

पूछताछ में खोले कई राज

यूपी एटीएस की शुरुआती पूछताछ में सामने आया है कि दोनों चीनी नागरिक अब तक गिरफ्तार किए जा चुके डिस्टीब्यूटरों और रिटेलरों के माध्यम से प्री एक्टीवेटेड सिम कार्ड हासिल करते थे। प्री एक्टीवेटेड सिम गुरुग्राम स्थित एक होटल के चीनी मालिक के निर्देश पर चीनी मैनेजर को उपलब्ध कराते थे। इनमें से एक चीन में रहता है, जिससे अभियुक्त वीचैट एप के माध्यम से जुड़े थे। एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि विदेशी मैनेजर को एक हजार सिम कार्ड उपलब्ध कराए गए। इसके अलावा डेढ़ सौ भारतीय नंबरों पर व्हाट्सएप रजिस्ट्रेशन के लिए वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) चीनी नागरिकों से शेयर किया गया। एडीजी ने बताया कि यह गिरोह बनाकर फर्जी आईडी से सिम कार्ड हासिल करते थे। उस प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड से विभिन्न बैंकों में ऑनलाइन खाते खोलते थे। फिर आपराधिक गतिविधियों से प्राप्त धनराशि को उन खातों में डालकर कुछ ही समय में कार्डलेस ट्रांजेक्शन कर लेते थे। उन्होंने बताया कि मामले में अन्य जांच एजेंसियों की मदद लेकर पता लगाया जा रहा है कि इन पैसों का किस काम में प्रयोग हो रहा है। चूंकि चीनी नागरिकों की गिरफ्तारी हुई है, इसलिए चीनी दूतावास को सूचना दी जा रही है। इनमें से ली टेंगली का बिजनेस वीजा सितंबर, 2020, जबकि जुंफू उर्फ जूली का वीजा अगस्त, 2020 में समाप्त हो चुका है। अब एटीएस होटल मालिक विदेशी दंपति और मैनेजर की तलाश में जुटी है।

Posted By: Inextlive