चाइनीज मांझे की वजह से ओएचई लाइन ट्रिप हो जाती है। जिसकी वजह से अब मेट्रो की ओर से सेकंड कॉरीडोर में ओएचई का सिस्टम भी खत्म करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए हाईटेक तकनीक अपनाई जा रही है। इस तकनीक को अपनाए जाने के बाद मांझे की वजह से मेट्रो की रफ्तार पर कोई असर नहीं पड़ेगा।


लखनऊ (ब्यूरो)। एक तरफ जहां चाइनीज मांझे से लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ रही है, वहीं दूसरी तरफ मांझे की वजह से मेट्रो की रफ्तार भी प्र्रभावित होती है। यह जानकार हैरानी होगी कि चाइनीज मांझे के कारण 800 से अधिक बार मेट्रो की रफ्तार पर ब्रेक लग चुका है। जिसकी वजह से मेट्रो में सवार मुसाफिरों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। इसी तरह बिजली विभाग द्वारा बिछाई गईं लाइनें और लगाए गए ट्रांसफॉर्मर्स के लिए भी कई बार मांझा मुसीबत बन जाता है। बिजली लाइनों में मांझा फंसने के कारण फॉल्ट हो जाता है और लोगों को बिजली संकट का सामना करना पड़ता है।इन स्टेशंस पर मुसीबत अधिक


वैसे तो पूरे मेट्रो रूट में चाइनीज मांझा कई बार मुसीबत पैदा करता है लेकिन सबसे अधिक छह स्टेशंस में मांंझे के कारण ट्रिपिंग की समस्या ज्यादा सामने आती है। इन स्टेशंस में श्रृंगार नगर मेट्रो स्टेशन, मवैया, चारबाग, केडी सिंह और बादशाहनगर शामिल हैं। मेट्रो से मिली जानकारी के अनुसार, अक्सर इन मेट्रो स्टेशंस पर चाइनीज मांझे के कारण मेट्रो की रफ्तार पर कुछ सेकंड के लिए ब्रेक जरूर लग जाता है। कई बार तो मेजर फॉल्ट की भी समस्या सामने आती है। मेट्रो प्रशासन की ओर से उक्त समस्या को दूर करने के लिए कई चरणों में कदम उठाए जा रहे हैैं। हालांकि इसके बावजूद बीच-बीच में मांझा मेट्रो की रफ्तार के लिए मुसीबत बनता है।अब ओएचई का झंझट खत्मचाइनीज मांझे की वजह से ओएचई लाइन ट्रिप हो जाती है। जिसकी वजह से अब मेट्रो की ओर से सेकंड कॉरीडोर में ओएचई का सिस्टम भी खत्म करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए हाईटेक तकनीक अपनाई जा रही है। इस तकनीक को अपनाए जाने के बाद मांझे की वजह से मेट्रो की रफ्तार पर कोई असर नहीं पड़ेगा।बिजली लाइनों के लिए भी मुसीबत

मांझे की वजह से अक्सर बिजली लाइनें भी ट्रिप हो जाती हैैं। सबसे ज्यादा समस्या पुराने लखनऊ के इलाकों से गुजरने वाली बिजली लाइनों में देखने को मिलती है। पतंगबाजी के दौरान कई बार मांझा बिजली लाइनों में फंस जाता है और लाइट गुल हो जाती है। जिसकी वजह से संबंधित एरिया के उपभोक्ताओं को बिजली संकट का सामना करना पड़ता है। कई बार तो पावर सबस्टेशन में भी पतंग कटकर आ जाती है और उसमें लगा मांझा सबस्टेशन के लिए मुसीबत बन जाता है। ठाकुरगंज समेत कई इलाकों में तो बकायदा जाल व्यवस्था की गई है, जिससे मांझे से बिजली की लाइनें और ट्रांसफॉर्मर सेफ रह सकें।पक्षियों के लिए भी खतराचाइनीज मांझे की वजह से पक्षियों पर भी खतरा मंडराता रहता है। कुछ दिन पहले ही बर्लिंग्टन चौराहे पर एक पक्षी की गर्दन में चाइनीज मांझा फंस गया था। वहां मौजूद बिजली विभाग के कर्मचारियों ने कड़ी मशक्कत के बाद पक्षी के गले में फंसे मांझे को निकाला था। उसकी जान तो बच गई थी लेकिन वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। ऐसे उदाहरण अक्सर सामने आते रहते हैैं। चाइनीज मांझा पक्षियों की जिंदगी के लिए भी बड़ा खतरा है। हैरानी की बात तो यह है कि जिला प्रशासन या पुलिस की ओर से चाइनीज मांझे की रोकथाम के लिए कोई चेकिंग अभियान तक नहीं चलाया गया है। जिसकी वजह से मांझे की जमकर बिक्री हो रही है और लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ रही है।

Posted By: Inextlive