LUCKNOW: सेमिनार अटेंड कर जब स्टूडेंट्स बाहर निकले तो उनका कंफ्यूजन दूर हो चुका था। कई स्टूडेंट्स अपनी मंजिल भी तय कर चुके थे। किसी ने इंजीनियरिंग में करियर बनाने की बात कही तो कुछ ने कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की फील्ड में जाने का फैसला लिया। सेमिनार के बाद स्टूडेंट्स को अपनी मनचाही मंजिल तक पहुंचना अब आसान लग रहा था। सेमिनार खत्म होते ही कई स्टूडेंट्स विभिन्न कोर्सेज और उनकी फीस के बारे में टीचर्स से इंक्वायरी करते नजर आए। मौका था एसआरएम यूनिवर्सिटी की प्रस्तुति दैनिक जागरण आई नेक्स्ट करियर पाथवे सेमिनार का। बुधवार को डालीबाग स्थित गन्ना संस्थान में आयोजित इस सेमिनार का उद्घाटन कमिश्नर मुकेश मेश्राम ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर एसआरएम यूनिवर्सिटी सोनीपत के प्रो। पुनीत गोस्वामी, चेन्नई की प्रो। डॉ। शारदा, अमरावती के एरिया मैनेजर विशाल सिंह और दिल्ली की चारू जैन, दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की डिप्टी एडीटर शर्मिष्ठा शर्मा और लखनऊ एडीशन के संपादकीय प्रभारी धर्मेद्र सिंह मौजूद रहे। सेमिनार में स्टूडेंट्स को करियर सेलेक्ट करने, मेमोरी बढ़ाने और सफलता हासिल करने का गुरुमंत्र दिया गया।

टाइम मैनेजमेंट का ध्यान रखें

चीफ गेस्ट कमिश्नर मुकेश मेश्राम ने स्टूडेंट्स से कहा कि पहले तो यह तय करो कि आप क्या बनना चाहते हो, क्यों बनना चाहते हो। उसके बाद अपना एक आइडियल बनाइए फिर टाइम मैनेजमेंट का ध्यान रखिए। एक डायरी बनाइए और रोजाना करियर ग्रोथ के बारे में उसमें नोट डाउन करिए कि आज कितना काम कर सके। कुछ छूट जाए तो उसके लिए परेशान ना हों, बल्कि अगले दिन उसे कवर करने की कोशिश कीजिए। इस बात का भी ख्याल रहे कि इस करियर के चक्कर में आप अन्य कार्य न छोड़ दें। उन्होंने बताया कि यह देखा जाता है कि जिस दिन एग्जाम है उससे पहले वाली रात में स्टूडेंट्स सोते नहीं हैं। रात भर जाग कर पढ़ाई करते हैं लेकिन इससे स्टूडेंट्स का पेपर खराब ही होता है। रिसर्च में भी यह साबित हो चुका है। मनचाही मंजिल पाने के लिए सिर्फ पढ़ते ना रहें। दिन में फ्रेश रहने के लिए खेलना भी जरूरी है। फिट रहने के लिए खेलने के साथ योग या फिर मेडीटेशन का सहारा ले सकते हैं। इसके बाद दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की डिप्टी एडीटर शर्मिष्ठा शर्मा ने बताया कि दैनिक जागरण आई नेक्स्ट पाथ वे में स्टूडेंट्स को करियर से जुड़ी जानकारियां मिलती हैं। यहां पर एक्सपर्ट एडवाइज से उनकी राह आसान हो जाती है।

लोग जॉब के लायक नहीं

मॉडरेटर अरुणेंद्र सोनी ने बताया कि इंडिया में जॉब की कमी नहीं है लेकिन लोग उस जॉब के लायक नहीं बन पा रहे हैं। हर साल देश में 17 लाख इंजीनियर निकल रहे हैं पर 15 लाख को भी नौकरी नहीं मिल पा रही है। आलम यह है इंजीनियरिंग की डिग्री रखने वाले रेलवे में खलासी, सिपाही के पदों पर आवेदन कर रहे हैं। इसलिए जरूरी है कि आप पहले अपने करियर का चुनाव करें और वहां तक पहुंचने के लिए सही माध्यमों का प्रयोग करें। पढ़ाई के लिए सही इंस्टीट्यूट का चुनाव करें। उन्होंने बताया कि आज मजबूत और इंटेलीजेंट नहीं बल्कि एडाप्टेबल लोगों की जरूरत है, जो समय के अनुसार खुद को ढाल सकें। लगातार डेवलपमेंट के चलते जहां कई पुरानी कंपनियां बदलाव ना ला पाने के कारण खत्म हो गई वहीं जिन्होंने समय के अनुसार मार्केट की डिमांड को देखते हुए प्रोडक्ट उपलब्ध कराए, वह आज भी मार्केट में हैं। इस सेमिनार का कुशलतापूर्वक संचालन एफएम आरजे शादाब ने किया।

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देना होता है एंट्रेंस एग्जाम

एसआरएम में एडमीशन के लिए स्टूडेंट्स को एसआरएम जेईई एंट्रेंस एग्जाम क्वालीफाई करना होगा। एसआरएम जेईई एंट्रेंस का फार्म ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही मोड में स्टूडेंट्स के लिए उपलब्ध है। ऑनलाइन फार्म एसआरएम की वेबसाइट www.srmist.in पर है। फार्म के लिए स्टूडेंट्स को 1150 रुपए का शुल्क देना है। इसके बाद सिर्फ ऑनलाइन मोड में ही एंट्रेंस एग्जाम होगा। रिटेन पेपर अप्रैल में होना है। एसआरएम यूनिवर्सिटी चेन्नई कैंपस की डॉ। शारदा ने बताया कि एसआरएम में स्टूडेंट्स के लिए स्कॉलरशिप प्रोग्राम भी है। जिसमें टॉप 100 रैंक में शामिल स्टूडेंट्स के लिए 100 परसेंट फीस ऑफ की सुविधा है। वहीं नेशनल और स्टेट लेवल के खिलाडि़यों के लिए भी स्कॉलरशिप है। एसआरएम में एडमीशन के लिए स्टूडेंट्स को सबसे पहले रिटेन एग्जाम क्वालीफाई करना होगा। इसके काउंसिलिंग के दौरान उसे मनपसंदीदा सब्जेक्ट चुनना होगा।

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एसी हॉस्टल और 24 घंटे नेट

प्राइवेट यूनिवर्सिटी में एसआरएम की रैकिंग तीसरी है। इसके साथ ही नैक से डबल ए सर्टिफिकेट मिला है। यहां की सभी फैकल्टी पीएचडी होल्डर हैं। कैंपस में स्टूडेंट्स को सही दिशा में प्रयास करने और फील्ड में वर्क के दौरान आने वाली प्राब्लम की प्रैक्टिकल नॉलेज दी जाती है। यही कारण है कि लास्ट इयर एसआरएम के प्लेसमेंट को 41.4 लाख का पैकेज दिया गया। हमारे यहां फुली ऐसी हॉस्टल्स की सुविधा है, जहां 24 घंटे फ्री वाई-फाई की फैसेलिटी है। साथ ही एसआरएम यूनिवर्सिटी के सभी कैंपस रैगिंग फ्री हैं और यहां ग‌र्ल्स का विशेष ध्यान रखा जाता है।

डॉ। शारदा, एसआरएम यूनिवर्सिटी,

चेन्नई कैंपस

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विदेशी कंपनियों संग है टाईअप

इस साल हमारे यहां 7500 स्टूडेंट्स का प्लेसमेंट हुआ है। इसका कारण है कि हमारे यहां बेहतर हायर एजूकेशन सिस्टम है। कई इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के साथ हमारा टाईअप है। इसमें यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिघम, हॉवर्ड यूनिवर्सिटी, एक्सीबिया के साथ ताइवान की यूनिवर्सिटी सहित कई इंटरनेशनल यूनिवर्सिटीज शामिल हैं। हमारे स्टूडेंट्स फॉरेन एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत वहां स्टडी के लिए जाते हैं। इसके साथ ही हमारे यहां च्वाइस बेस क्रेडिट सिस्टम की व्यवस्था भी है। प्लेसमेंट के लिए कई कंपनियों से भी टाईअप है। कैंपस रिक्रूटमेंट के दौरान यह कंपनियां आती हैं।

डॉ। पुनीत गोस्वामी, एसआरएम यूनिवर्सिटी, सोनीपत

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लकी विनर्स को मिले गिफ्ट

सेमिनार के दौरान लकी विनर्स को गिफ्ट भी दिए गए। इनमें हिमेश वर्मा, तरुण शर्मा, मनमीत कौर, आस्तिक गुप्ता और मो। आजम गाजी शामिल रहे।

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इंस्टीट्यूट के सेलेक्शन में रखें ध्यान

सेमिनार में एक्सपर्ट ने सलाह दी कि करियर वही चुनें, जो आपको समझ में आए। किसी के सुझाव या दबाव में करियर का चुनाव न करें। करियर के लिए किसी इंस्टीट्यूशन का चुनाव कर रहे हैं तो ध्यान रखें, वह किस क्वॉलिटी का है और वहां की फैकल्टी कितनी क्वॉलीफाइड है। सिर्फ बिल्डिंग देखकर संस्थान का चयन न करें।

Posted By: Inextlive