जल संकट दूर करने के लिए हर साल योजनाएं बनती हैैं। दावे किए जाते हैैं कि सभी भवनों पर रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जाएंगे लोगों को पानी बचाने के लिए जागरुक किया जाएगा लेकिन सभी योजनाएं सिर्फ कागजों में चल रही हैं। जिससे गुजरते वक्त के साथ वार्डों में जलसंकट गहरा रहा है और लोग पानी के लिए परेशान हो रहे हैं। इसके बावजूद जिम्मेदारों की ओर से समस्या को दूर करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।

लखनऊ (ब्यूरो)। शहर सरकार की ओर से हर साल बजट में वर्षा जल संचयन के लिए बजट रखा जाता है और सदन से उसे पास भी कराया जाता है लेकिन जब बात ग्राउंड लेवल की आती है तो योजनाएं सिर्फ कागजों में ही सिमट कर रह जाती हैैं। इस बार भी शहर सरकार की ओर से वर्षा जल संचयन के लिए दो करोड़ का बजट रखा गया है। मानसून आने वाला है लेकिन अभी तक वर्षा जल संचयन के लिए कोई कदम उठाने की तैयारी नहीं की गई है। जब बारिश शुरू हो जाएगी तो इस कदम का कोई फायदा नहीं होगा।
जागरुकता कार्यक्रम नहीं
निगम प्रशासन की ओर से पानी बचाने के लिए जनता को जागरुक करने का दावा तो किया जाता है लेकिन शायद ही किसी वार्ड में लोगों को जागरूक किया गया हो। वहीं दूसरी तरफ जनता की ओर से भी पानी की जमकर बर्बादी की जाती है।
कोई कार्रवाई नहीं होती
इस समय राजधानी के लगभग सभी इलाकों में व्हीकल वॉशिंग सेंटर्स चल रहे हैैं। जिनमें रोज हजारों लीटर पानी बर्बाद किया जाता है। निगम की ओर से चेकिंग तो कराई जाती है लेकिन कोई फायदा नहीं होता। अगर व्हीकल वॉशिंग सेंटर्स पर लगाम लग जाए तो बड़ी मात्रा में पानी बचाया जा सकता है।

इस तरह दूर होगा पेयजल संकट
शहर सरकार की ओर से वार्डों में पेयजल संकट दूर करने के लिए कई बिंदुओं पर बजट की व्यवस्था की गई है। हालांकि अभी तक बजट संबंधी सदन न होने से वार्डों में जलसंकट को दूर करने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए जा सके हैैं।
- 6 करोड़ खर्च होंगे नए मोटर पंपों पर
- 9.5 करोड़ खर्च होंगे मिनी नलकूप पर
- 2 करोड़ से सबमर्सिबल रिपेयर कराए जाएंगे
- 4 करोड़ से पेयजल लाइन रिपेयर कराई जाएगी

ये कदम भी उठाने होंगे
1- जनता को जागरुक किया जाए
2- व्हीकल वॉशिंग सेंटर्स पर लगाम
3- शत प्रतिशत पेयजल कनेक्शन
4- सुबह और शाम सतत जलापूर्ति
5- रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जाएं

Posted By: Inextlive