- 'चोर की दाढ़ी में तिनका' कहकर हंगामा करते विपक्ष पर बार-बार लेते रहे चुटकी

LUCKNOW:

विधानसभा में बतौर नेता सदन मोर्चा संभाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को वक्त भले ही ज्यादा लगा, लेकिन पैने तीरों से तरकश भरकर लाए थे। मुद्दा उछालते गए, निशाना साधते गए। केरल में राहुल गांधी के उत्तर प्रदेश संबंधी ताजा बयान और कोरोना काल में मदद के बहाने वाहनों के फर्जीवाड़े का जिक्र कर कांग्रेस को घेरा तो अयोध्या में कराए जा रहे विकास कार्य गिनाकर 'कुछ लोगों को राम के नाम से समस्या' जैसी तीखी टिप्पणी से सपा पर 'राम-बाण' चलाया। इन हमलों में बेशक योगी ने किसी दल का नाम न लिया, लेकिन निशाना जैसे अचूक था। चोट महसूस कर अपनी-अपनी बारी पर विपक्षी बिफरे तो चुटकी भी तैयार- 'चोर की दाढ़ी में तिनका'

पूरे तेवर में दिखे योगी

राज्यपाल के अभिभाषण पर बुधवार को धन्यवाद प्रस्ताव के समर्थन में बोलते हुए सीएम योगी पूरे तेवर में दिखे। लगभग ढाई घंटे के संबोधन में योगी ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को लेकर विरोधी दलों के नेताओं की टिप्पणियों का करारा जवाब दिया। कहा कि संसदीय परिपाटी, परंपरा और सांविधानिक प्रमुखों पर अनुचित टिप्पणी करना पीड़ादायक है। एक महिला होने के नाते सम्मान जरूरी है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष के बारे में कहा कि यह गलत पार्टी में होने के कारण ही भटक जाते हैं। उन्होंने कांग्रेस सांसद राहुल व महासचिव प्रियंका वाड्रा, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह व अन्य विपक्षी नेताओं का नाम लिए बिना तीखे तंज कसे और उनके आरोपों का जवाब भी दिया।

अयोध्या होकर नहीं जाते नेता प्रतिपक्ष

चेहरे पर मुस्कान, लेकिन चोट गहरी थी। नेता प्रतिपक्ष को संबोधित करते योगी बोले कि इन्हें बलिया जाना होता है तो गोरखपुर वाले रास्ते से नहीं जाते, क्योंकि बीच में अयोध्या पड़ता है। 'अवधपुरी सम प्रिय नहिं कोऊ, यह प्रसंग जाने कोउ कोऊ.' सुनाते हुए वर्तमान में अयोध्या में कराए जा रहे विकास कार्य गिनाए और बोले कि तब राक्षस, राम से विद्वेष रखते थे। अब भी कुछ लोगों को राम मंदिर से समस्या है।

दिल्ली के बारे में पूछा तो जुबान नहीं खुली

मुख्यमंत्री ने कोरोना महामारी के बचाव की खातिर किए गए कार्यो की विस्तार से जानकारी दी। पीपीई किट व आक्सीमीटर खरीद में घोटालों के आरोपों पर पलटवार किया। कहा, दिल्ली की एक पार्टी के सदस्य ने यहां आकर भारी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। जब मीडियाकर्मियों ने पूछा कि दिल्ली सरकार ने दस हजार से लेकर 50 हजार रुपये में खरीद क्यों की तो उनकी आज तक जुबान नहीं खुली है। योगी ने कृषि कानूनों का विरोध करने पर भी विपक्ष को घेरा। उन्होंने कहा कि एमएसपी और एमआरपी में अंतर नहीं जानने वाले भी किसानों के हित ¨चतक बने हैं। किसानों की राय से कृषि कानून बने हैं। किसानों को गुमराह करना पाप है।

क्या बोले योगी

- अज्ञेय की रचना- 'सर्प तू नगर नहीं गया, कहां से विष पाया, कहां से सीखा तूने डसना' सुनाते हुए विपक्ष को सांविधानिक मर्यादाओं के पालन की नसीहत दी।

- एक नेता जो कई बार उत्तर प्रदेश से सांसद रहे हैं, केरल में प्रदेशवासियों की खिल्ली उड़ा रहे हैं। यूपी और अमेठी को अपमानित कर रहे हैं। उनके पास इटली जाने का समय था, लेकिन अमेठी के लिए नहीं।

- कोरोना काल में प्रवासियों को लाने के लिए कांग्रेस द्वारा एक हजार बसें देने की घोषणा पर मुख्यमंत्री ने प्रियंका को घेरा।

- कांग्रेस महासचिव का पत्र उन्हें मिला तो बहुत खुशी हुई, लेकिन जांच कराई गई तो दिए गए बसों के नंबर स्कूटर व थ्री व्हीलर और स्क्रैप में जा चुकी गाडि़यों के निकले।

- मैंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन इन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। इसी से चोर की दाढ़ी में तिनका कहावत चरितार्थ होती है।

- हम केरल को आस्था की भूमि मानते हैं। आदि शंकाराचार्य यहीं जन्मे थे। कांग्रेस वहां भी विभाजनकारी राजनीति कर रही है।

Posted By: Inextlive